जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (Jammu-Kashmir BJP:) के टिकट वितरण को लेकर असंतोष की लहर चल रही है। शनिवार को भाजपा के सांबा जिला अध्यक्ष कश्मीर सिंह और एक युवा नेता कनव शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस असंतोष का प्रमुख कारण भाजपा द्वारा उम्मीदवारों के चयन में नाराजगी है।
Jammu-Kashmir BJP: विभिन्न जिलों में प्रदर्शन
भाजपा ने 26 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसके बाद से पार्टी को केंद्र शासित प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया है। इसी के तहत सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने जम्मू के बाहरी इलाके में छम्ब विधानसभा क्षेत्र के खौर ब्लॉक में रैली निकाली। वे पूर्व विधायक राजीव शर्मा को वहां से उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
Jammu-Kashmir BJP: नेकां से आए व्यक्ति को दिया गयाः कश्मीर सिंह
सांबा जिला अध्यक्ष कश्मीर सिंह ने अपने इस्तीफे में कहा, “भारी मन से मैं उस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं जिसके लिए मैंने 42 साल तक काम किया है। पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जो नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) से आया था और दशकों तक हमारी विचारधारा का मुखर विरोध करता रहा।” उन्होंने आगे कहा, “हमने सांबा में भाजपा को मजबूत किया और जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा भाजपा की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए कई बलिदान दिए। हमने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए प्रदर्शन किए और हड़तालें कीं और टिकट उस व्यक्ति को दिया गया जो हमेशा हमारी विचारधारा और अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ था।”
टिकट देने का फैसला स्वीकार नहीः कनव शर्मा
सिंह ने घोषणा की कि वे इस संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं इस संघर्ष को आगे बढ़ाऊंगा और उनके खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करूंगा।” एक अन्य युवा नेता, कनव शर्मा, जो भारतीय जनता युवा मोर्चा के जम्मू जिला अध्यक्ष थे, ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कनव शर्मा ने कहा, “मैं संगठन और इसकी विचारधारा से जुड़े अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी का सदस्य हूं, लेकिन जम्मू पूर्व से युद्धवीर सेठी को टिकट देने का पार्टी का फैसला मुझे स्वीकार नहीं है।”
भाजपा की परेशानी बढ़ी
भाजपा के दो अन्य बागी नेताओं ने पहले ही रामबन और पद्दार-नागसेनी विधानसभा क्षेत्रों से निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। यह दोनों क्षेत्र 18 सितंबर से तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनावों के पहले चरण में मतदान करने वाले 24 निर्वाचन क्षेत्रों में शामिल हैं। इस घटनाक्रम ने भाजपा के भीतर गहरे असंतोष को उजागर किया है और आगामी चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति को चुनौती दी है। अब देखना होगा कि भाजपा इन विरोधों को कैसे संभालती है और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के असंतोष को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है।
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