कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे(Jharkhand Elections Kharge:) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा होने के बावजूद हवाई अड्डे के आरक्षित लाउंज में प्रवेश नहीं मिल रहा है। खरगे ने यह भी पूछा कि क्या प्रधानमंत्री के लिए शौचालय भी आरक्षित किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने अपने और राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर में देरी के लिए मोदी और शाह को जिम्मेदार ठहराया।
शुक्रवार को राहुल गांधी (Jharkhand Elections Kharge:)के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने में लगभग दो घंटे की देरी हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को देवघर हवाईअड्डे पर लगभग दो घंटे तक फंसे रहे थे और क्षेत्र को ‘नो-फ्लाई जोन’ घोषित कर दिया गया था।
खरगे ने कहा, “कल हमारे नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर में जानबूझकर दो घंटे की देरी की गई क्योंकि प्रधानमंत्री अपने विमान में बैठे थे। आज मेरे हेलीकॉप्टर को 20 मिनट देरी से उतारा गया क्योंकि अमित शाह उतर रहे थे। उनका रास्ता अलग था और मेरा अलग।”
उन्होंने (Jharkhand Elections Kharge:)आगे कहा, “राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते हैं। मेरे पास भी यह दर्जा है, लेकिन हवाई अड्डे के आरक्षित लाउंज में प्रवेश नहीं मिल रहा है। अधिकारी कहते हैं कि यह प्रधानमंत्री मोदी के लिए है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या प्रधानमंत्री के लिए शौचालय भी आरक्षित किया जा सकता है।”
भाजपा द्वारा उठाए गए घुसपैठ के मुद्दे पर निशाना साधते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह के पास इसे रोकने की शक्ति है, लेकिन वे लोगों को डरा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, “क्या प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह सो रहे हैं? सत्ता में होने के बावजूद वे घुसपैठ क्यों नहीं रोक सकते? जब वे एक हेलीकॉप्टर को रोक सकते हैं, तो वे घुसपैठियों को क्यों नहीं रोक सकते?”
खरगे ने केंद्र पर कांग्रेस और उसके सहयोगियों की मदद करने वालों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और आयकर जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा झारखंड में सरकार बनाकर वहां के प्राकृतिक संसाधनों को लूटना चाहती है।भाजपा पर हमला करते हुए खरगे ने कहा, “वे कहते हैं ‘बंट गए तो कट गए’, मैं कहता हूं ‘डर गए तो मर गए’।” उन्होंने सरना धार्मिक संहिता को आदिवासी गौरव का प्रतीक बताया और इसकी रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।