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Jharkhand News: चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद रामदास सोरेन बने मंत्री

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झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक रामदास सोरेन ने शुक्रवार को हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार(Jharkhand News: ) में मंत्री पद की शपथ ली। घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने राज्य मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की जगह ली है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में रामदास सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झामुमो नीत गठबंधन के वरिष्ठ नेता और कई सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।

Jharkhand News: चंपई सोरेन हुए हैं भाजपा में शामिल

चंपई सोरेन ने बुधवार को मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद रामदास सोरेन को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार की “वर्तमान कार्यशैली और नीतियों” के कारण उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। चंपई सोरेन शुक्रवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने वाले हैं। चंपई सोरेन ने दावा किया था कि सरकार की नीतियों और कार्यशैली से निराश होकर उन्होंने झामुमो को छोड़ने का फैसला किया।

छह महीने के लिए चंपई बने थे सीएम

इसके पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जनवरी में झामुमो नेता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद, दो फरवरी को चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद, चंपई ने तीन जुलाई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और चार जुलाई को हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चंपई ने 28 अगस्त को राज्य विधानसभा के सदस्य और झारखंड के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

चंपई के ना होने से JMM  को नुकसान की संभावना

अपने इस्तीफे के पत्र में, चंपई ने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को लिखा कि झामुमो की वर्तमान कार्यशैली से व्यथित होकर उन्होंने पद छोड़ने का निर्णय लिया। इस घटनाक्रम से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। जानकारों का कहना है चंपाई की बगावत से कोल्हान में JMM को नुकसान और बीजेपी को फायदा पहुंच सकता है। इसलिए हेमंत ने संथाल समाज से आने वाले रामदास सोरेन को को मंत्री बनाने का दांव खेला है । रामदास सोरेन के मंत्री बनने से झामुमो को नई ऊर्जा मिली है, वहीं चंपई सोरेन का भाजपा में शामिल होना झामुमो के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इस बदलाव से आने वाले चुनावों में राज्य की राजनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।

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