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kashmir assembly:अब्दुल रहीम राठर का विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पहला संबोधन,सदन की गरिमा बनाए रखने का आग्रह

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित (kashmir assembly:)अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सोमवार को सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया। अध्यक्ष के रूप में अपने पहले संबोधन में राथर ने कहा कि वह अपने कार्यों से यह साबित करेंगे कि वह पक्षपाती अध्यक्ष नहीं हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण के बाद सदन को संबोधित करते हुए, राथर ने सर्वसम्मति से उन्हें चुनने के लिए विधानसभा के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस पद पर चुनने के लिए (kashmir assembly:)तहे दिल से आभार है। मैं समझता हूं कि यह एक बड़ा पद है और इसके साथ बड़ी जिम्मेदारी आती है। मैं आपकी अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करूंगा।’’ सदस्यों से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें हर परिस्थिति में सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। इस सदन की शुचिता हमारी गरिमा सुनिश्चित करेगी। यदि हमारी गरिमा बनी रहेगी, तो सदन के बाहर भी हमारी बातों का प्रभाव होगा।’’

राथर(kashmir assembly:) ने कहा कि इस सदन का समय बहुमूल्य है और सदस्यों को इसका समझदारी से उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने शब्दों में संयम बरतना होगा और इस सदन के समय का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। सदन और इसकी समितियों में कामकाज में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।’’उन्होंने कहा, ‘‘आपके कार्य और शब्द इस बात पर आधारित होने चाहिए कि इससे गरीब आदमी को कितना लाभ होगा। सदस्यों को सरकार को जवाबदेह बनाना चाहिए, लेकिन इस दौरान आपको मंत्रियों या अधिकारियों का अनावश्यक रूप से उपहास नहीं करना चाहिए।’’

राथर ने यह भी कहा कि अध्यक्ष सदन और विधायकों के अधिकारों के संरक्षक होते हैं। उन्होंने सदस्यों से कहा, ‘‘मैं सरकार को जवाबदेह बनाने में आपकी मदद करूंगा। मैं मंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी कर आएं, और विधायकों को भी तत्पर रहना चाहिए। अगर मुझे लगेगा कि कोई सदस्य पूरक प्रश्नों के साथ न्याय नहीं कर रहा है, तो मुझे हस्तक्षेप करना होगा।’’

उन्होंने चेतावनी दी कि यह एक चलन बन गया है कि सदन का बहुत सारा समय हंगामे में बर्बाद हो जाता है, और अध्यक्ष के पास कार्रवाई करने का अधिकार है, जो निलंबन से लेकर अयोग्यता तक कुछ भी हो सकता है। हालांकि, उन्होंने आशा व्यक्त की कि उन्हें ऐसी कोई कार्रवाई करने का अवसर नहीं मिलेगा।राथर ने कहा कि अपने 36 साल के संसदीय जीवन में उन्होंने कभी भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया और न ही अध्यक्ष ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं विपक्ष का नेता था, तब भी मैंने अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया।’’

राथर ने सदन को आश्वस्त किया कि वह कभी भी पक्षपात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 50 सालों से नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़ा हुआ हूं और 45 सालों से पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति का सदस्य हूं, जिस पर मुझे गर्व है। लेकिन आज से मेरी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। मैं आप सभी का हूं और इसमें कोई पक्षपात नहीं होगा। मैं अपने कार्यों से साबित करूंगा कि यह सदन निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से चलेगा। मैं सिर्फ नियमों का पालन करूंगा।’’

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