जम्मू-कश्मीर (Kashmir Mehbooba:)की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि कश्मीरी शॉल पर जीएसटी में प्रस्तावित बढ़ोतरी से इस शिल्प को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की। महबूबा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर बनाने की कोशिश कर रही है।
महबूबा (Kashmir Mehbooba:)ने संवाददाताओं से कहा, “कश्मीरी शॉल सिर्फ हमारी आजीविका का साधन नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर की पहचान है। यह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। (पूर्व) नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने शाहतूश पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो हमारी विरासत का हिस्सा था, और इससे आर्थिक नुकसान हुआ।” उन्होंने कहा, “अब जब कश्मीरी शॉल पर जीएसटी बढ़ाकर 28 फीसदी किया जाएगा, तो हमारी कला स्वतः ही समाप्त हो जाएगी।”
महबूबा ने यह भी आरोप लगाया कि बागवानी भूमि पर विकास कार्य करके और हस्तशिल्प क्षेत्र पर जीएसटी लगाकर जम्मू-कश्मीर को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया, “इन फैसलों के कारण ही जम्मू-कश्मीर अपनी मुश्किलों के बावजूद बचा हुआ है। मैं उमर अब्दुल्ला से अनुरोध करती हूं कि आप हमारे संसाधनों की रक्षा करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं? जीएसटी को 28 प्रतिशत करने के मुद्दे पर आप क्या कर रहे हैं?”
पीडीपी(Kashmir Mehbooba:) प्रमुख ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को सिर्फ पर्यटन पर निर्भर बनाना चाहती है, और इसलिए इन फैसलों को लागू किया जा रहा है। महबूबा ने चेतावनी दी, “अगर हमारी बागवानी और हस्तशिल्प खत्म हो गए, तो हम केवल पर्यटन पर निर्भर रह जाएंगे। शायद केंद्र सरकार यही चाहती है ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग केवल पर्यटन पर निर्भर रहें और जब चाहें पर्यटकों को भेज सकें।”