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कांग्रेस के नाराज कर्मठ कार्यकर्ताओं पर नजर, बीजेपी में लाने की बन रही रणनीति

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देश रोजाना, नई दिल्ली- गत लोकसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस प्रदेश की 10 सीटों पर पांच -पांच पर रही। चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही भाजपा लगातार हार पर मंथन कर रही है, और प्रदेश का विधानसभा चुनाव जीत कर तीसरी बार कैसे भाजपा की सरकार बनाई जाए इस पर लगातार बैठकों का दौर जारी है। कुछ दिन पूर्व भाजपा पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह पंचकूला आए थे और उन्होंने प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं व कार्यकर्ताओं को प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को मूल मंत्र दिया। बताते हैं कि अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को जो मूल मंत्र दिया उसमें उन्होंने कहा कि भाजपा को कांग्रेस के किसी बड़े नेता की जॉइनिंग की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के कर्मठ नाराज कार्यकर्ता को भाजपा में शामिल करने की जरूरत बताई। इसके लिए उन्होंने जॉइनिंग समिति बनाने का भी सुझाव दिया। भाजपा की प्रदेश इकाई ने अमित शाह द्वारा सुझाये गए मंत्र पर कार्य करना भी शुरू कर दिया।

जिला, क्षेत्र व मंडल स्तर तक बनाई कमेटी :

रणनीति पर काम करते हुए भाजपा ने जॉइनिंग अभियान समिति बनाई हैं । इस समिति में जिला स्तर पर जिला संयोजक तथा सहसंयोजक तथा हर विधानसभा क्षेत्र स्तर पर छह संयोजक बनाए गए। इस तरह प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्रों में 540 संयोजक तथा जिला स्तर पर 44 संयोजक की नियुक्ति की गई है, इसके साथ-साथ बूथ स्तर तथा मंडल स्तर पर भी संयोजक बनाए गए हैं। अब यह संयोजक कांग्रेस के कर्मठ नाराज कार्यकर्ताओं पर पूरी नजर रखेंगे तथा मौका मिलते ही कांग्रेस के इन नाराज कार्यकर्ताओं की पार्टी में जॉइनिंग कराएंगे।

तीन वर्गों में बांटे पोलिंग बूथ :

भाजपा ने विधानसभा चुनाव की रणनीति के तहत प्रदेश के सभी बूथो का वर्गीकरण किया है, जिन्हें ए, बी व सी तीन वर्गों में बांटा गया है। ए वर्ग में उन बूथों को शामिल किया है, जहां परिणाम बेहतर रहा है। बी वर्ग वाले बूथों पर परिणाम या तो बराबरी पर रहा है या फिर कम अंतर से जीत हुई। सी वर्ग में वो बूथ हैं जिनमें बीजेपी की हालत टाइट रही। 51 प्रतिशत बूथ सी वर्ग के हैं, जो भाजपा के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। इन बूथों को सी से बी ग्रेड में लाने के लिए भाजपा ने विधानसभा और मंडल स्तर पर संयोजक नियुक्त किए हैं। इनका कार्य बूथों पर जाकर कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करना है।

लोकसभा चुनाव में 49 प्रतिशत बूथ हारी बीजेपी :

प्रदेश में लोकसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा के दौरान पाया गया कि भाजपा बूथ स्तर पर कॉफी मजबूत होने के बावजूद 49 प्रतिशत बूथों पर पार्टी हार गई। प्रदेश में कुल 19 हजार 812 बूथ है, जिनमें भाजपा केवल 9 हजार 740 बूथ ही जीत पाई । कांग्रेस व अन्य दलों ने 10 हजार 72 बूथों पर जीत हासिल की। दीगर बात यह है कि गत विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ज्यादा बूथ जीते। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 19 हजार 481 बूथों में से 8 हजार 528 बूथ पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस केवल 5 हजार 934 बूथ ही जीत पाई। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस ने इस बार के लोक सभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 58 प्रतिशत था जो इस बार के लोकसभा चुनाव में घटकर 46.06 प्रतिशत रह गया। यानी की पांच वर्षों में भाजपा का वोट प्रतिशत 11.06 प्रतिशत घट गया। कांग्रेस ने 43.73 प्रतिशत वोट लेकर इस बार भाजपा को कड़ी टक्कर दी।

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