पुदुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी(Kiran Bedi: ) ने सरकार से महिला पंचायत प्रतिनिधियों को स्कूटी देने की योजना शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इससे महिला प्रतिनिधियों को स्वतंत्रता और सुगमता से आवाजाही में मदद मिलेगी। यह बात उन्होंने दिल्ली में महिला नेतृत्व पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में कही, जहां करीब 400 महिला प्रतिनिधि और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Kiran Bedi: पंचायत प्रतिनिधियों को बेटे या पति पर निर्भर रहना पड़ता है
किरण बेदी ने कहा कि महिला पंचायत प्रतिनिधियों को अक्सर क्षेत्र में काम के लिए अपने पति या बेटे पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे वे पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो पातीं। उन्होंने सुझाव दिया कि महिला प्रतिनिधियों को स्कूटी सब्सिडी पर दी जानी चाहिए ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को आसानी से निभा सकें। बेदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि कई महिलाओं को साइकिल चलाना नहीं आता और उन्हें इसे सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
वेब सीरीज पंचायत का जिक्र किया
कार्यक्रम में पंचायती राज सचिव विवेक भारद्वाज ने भी महिला पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अलग प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण की कमी है, जिससे वे अपने पदों की जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभा सकें। भारद्वाज ने लोकप्रिय वेब सीरीज पंचायत का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें एक महिला सरपंच के पति के द्वारा सारा कामकाज किया जाता है, जो एक बड़ी समस्या को उजागर करता है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को इस प्रधान पति प्रथा को समाप्त करने की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया।उन्होंने बताया कि 32 लाख पंचायती राज प्रतिनिधियों में से 46 प्रतिशत महिलाएं हैं, लेकिन इनमें से कितनी महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों को स्वतंत्र रूप से निभाने में सक्षम हैं, यह सवाल बना हुआ है। उन्होंने इस कमी को दूर करने के लिए शीघ्र ही कदम उठाने का आश्वासन दिया। भारद्वाज ने जोर देकर कहा कि यदि समाज में महिलाओं की भागीदारी नहीं बढ़ेगी, तो समाज का समुचित विकास नहीं हो सकता।
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