Monday, March 10, 2025
21 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiउपयोग के बिना ज्ञान किसी काम का नहीं

उपयोग के बिना ज्ञान किसी काम का नहीं

Google News
Google News

- Advertisement -

ज्ञान का जब तक व्यावहारिक उपयोग न किया जाए, तब तक ज्ञान किसी काम का नहीं होता है। यही वजह है कि विज्ञान के छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान देने के बाद उसका परीक्षण कराया जाता है। ज्ञान तभी सार्थक होता है, जब उसका उपयोग किया जाए। थोथा ज्ञान किसी का भला नहीं कर सकता है।

एक सत ने अपने शिष्यों को यही शिक्षा देने के लिए उनका टेस्ट लिया। किसी प्रांत में एक संत रहते थे। वह लोगों को कर्म की शिक्षा देने के साथ-साथ अपने आश्रम में बच्चों को पढ़ाते भी थे। एक बार की बात है। उन्होंने अपने दो शिष्यों को बुलाकर एक-एक डिब्बे में मूंग देते हुए कहा कि तुम इस मूंग को मेरी अमानत समझकर हिफाजत करना। मैं जब दो साल बाद आऊंगा, तो तुमसे वापस ले लूंगा। इतना कहकर संत तीर्थाटन पर निकल गए।

एक शिष्य काफी देर तक सोचता रहा कि इस मूंग कैसे सुरक्षित रखा जाए। उसने आश्रम की ही थोड़ी सी भूमि को साफ किया और उसमें उन मूंग के दानों को बो दिया। फसल जब तैयार हुई, तो उसने उसे सुरक्षित रख लिया। जब दोबारा मूंग बोने का समय आया, तो उस शिष्य ने उससे बड़ी जमीन पर उस मूंग को बो दिया। यह उपज काफी ज्यादा हुई। दूसरे शिष्य को मूंग का कोई उपयोग नहीं सूझा, तो वह उसे अपने घर ले गया और पूजा के स्थान पर रखकर पूजा करने लगा।

दो साल बात संत वापस आए तो उन्होंने एक शिष्य को बुलाकर अपना मूंग मांगा। पूजा घर में मूंग रखने वाले शिष्य ने लाकर डिब्बा रख दिया और कहा, गुरुजी, मैंने काफी अच्छी तरह इसकी हिफाजत की है। संत ने डिब्बा खोला, तो उसमें कीड़े निकले। संत ने कहा कि तुम इसी की पूजा करते रहे। दूसरे शिष्य ने दस बोरी मूंग लाकर रख दिया और कहा, गुरुजी यह रही आपकी मूंग। संत ने कहा कि तुमने ही अपने ज्ञान का उपयोग किया है। मैं तुमसे प्रसन्न हूं।

  • – अशोक मिश्र
- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

बदज़ुबान नेताओं का करें बहिष्कार ?

तनवीर जाफ़री भारत को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है। लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें लोग अपने...

भारतीय समाज में मासिक धर्म को अभी भी कलंकित क्यों माना जाता है?

-प्रियंका सौरभमासिक धर्म कई संस्कृतियों में एक वर्जित विषय बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण लंबे समय से चली आ रही सांस्कृतिक मान्यताएँ, अपर्याप्त...

Recent Comments