कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (Kolkata Murder Rape Case:)में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी और छह अन्य व्यक्तियों का पॉलीग्राफ टेस्ट शनिवार को शुरू हो गया। इस जांच का उद्देश्य आरोपियों द्वारा दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि करना है।
Kolkata Murder Rape Case: विशेषज्ञों की टीम ने जांच प्रक्रिया की शुरुआत की
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट जेल में ही किया जाएगा, जहां वह बंद है, जबकि छह अन्य व्यक्तियों का टेस्ट कोलकाता में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा। इनमें पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सक और एक नागरिक स्वयंसेवक शामिल हैं। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान, व्यक्ति के शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह सच बोल रहा है या झूठ। सीएफएसएल के विशेषज्ञों की एक टीम दिल्ली से कोलकाता पहुंच गई है और उन्होंने इस जांच प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। गौरतलब है कि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सक का शव गंभीर चोटों के साथ मिला था, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। इस मामले में संजय रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी, और सीबीआई ने 14 अगस्त को कोलकाता पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली।
सीबीआई ने संभाली है जांच की कमान
सीबीआई ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में यह आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया था, और जब तक सीबीआई ने जांच की कमान संभाली, तब तक अपराध स्थल से छेड़छाड़ की जा चुकी थी। इस घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।इस संवेदनशील मामले की जांच में पॉलीग्राफ टेस्ट एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जांच में पारदर्शिता बनी रहे और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर न छोड़ी जाए। सीबीआई के नेतृत्व में चल रही इस जांच से पीड़िता के परिवार और विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद है।