पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल(Kolkata R.G.KAR Hospital: ) में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में जूनियर चिकित्सकों का प्रदर्शन बुधवार को 13वें दिन भी जारी रहा। इस प्रदर्शन के चलते सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
Kolkata R.G.KAR Hospital: राज्य सरकार ने काम पर लौटने का किया अनुरोध
अधिकारियों ने बताया कि कई अस्पतालों में जूनियर चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण वरिष्ठ चिकित्सकों को ड्यूटी पर बुलाया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों से काम पर लौटने का अनुरोध किया है, ताकि प्रभावित स्वास्थ्य सेवाएं बहाल की जा सकें। प्रदर्शनकारी जूनियर चिकित्सकों में से एक ने कहा कि हमारी बहन को न्याय मिलने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम जानते हैं कि मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हमारी मांगें न्यायसंगत हैं।
मरीजों की लग रही हैं लंबी कतारें
यह आंदोलन 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी के दौरान एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद शुरू हुआ था। पीड़िता का शव सेमीनार हॉल में मिला था और उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। सरकारी अस्पतालों में बाह्यरोगी विभाग (ओपीडी) और गैर-आपातकालीन इकाइयों में सेवाएं बाधित हो गई हैं। अस्पतालों के टिकट काउंटर के बाहर मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं, लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण सेवाएं सुचारू रूप से नहीं चल सकीं। कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण कई सर्जरी स्थगित कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि संबंधित चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद हैं, तब तक हम टिकट जारी नहीं कर रहे हैं। हर सुबह बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए आते हैं, लेकिन चिकित्सकों की कमी के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट भी हड़ताल खत्म करने का कर चुका है अनुरोध
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने पीड़िता के परिवार को जल्द न्याय दिलाने की मांग को लेकर बुधवार को कोलकाता में एक रैली निकालने की योजना बनाई है।उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को देशभर में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद, प्रदर्शनकारी चिकित्सक अपने आंदोलन को जारी रखे हुए हैं, जिससे राज्य के स्वास्थ्य तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।