आज (kolkata rape case:)सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट में आरजी कर के रेप-मर्डर मामले में दोषी को सजा का निर्धारण किया जाएगा, जबकि मृतक डॉक्टर के पिता ने आरोपित संजय रॉय को कठोरतम सजा देने की मांग की है।
वहीं, मृतक(kolkata rape case:) डॉक्टर की मां ने कहा कि वे इस मामले की जांच को “दबाने” नहीं देंगी। उन्होंने कहा, “हम जांच को दबाने नहीं देंगे, हम न्याय हासिल करेंगे। मेरी बेटी को न्याय मिलेगा, यह राज्य, देश और दुनिया के सभी लोगों के लिए है, जो विरोध कर रहे हैं। हमने हाई कोर्ट में सवाल उठाया है और कोर्ट से उसका जवाब मिलेगा। हमें न्यायधीश पर विश्वास है।”
इस बीच, सजा सुनाए जाने से पहले कोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। आज सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिसमें कोलकाता पुलिस के दो डिप्टी कमिश्नर, पांच असिस्टेंट कमिश्नर, 14 इंस्पेक्टर, 31 सब-इंस्पेक्टर, 39 असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, 299 कांस्टेबल और 80 महिला पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद समिक भट्टाचार्य ने सोमवार सुबह आरजी कर रेप और मर्डर केस में जल्दबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जांच जारी रहनी चाहिए और अपराध में शामिल अन्य व्यक्तियों को भी फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट को आरोपी संजय रॉय को सुनना चाहिए और जो भी खुलासे वह करना चाहते हैं, उन्हें सुना जाए। भाजपा नेता ने मामले में साक्ष्यों को नष्ट करने को लेकर लोगों के मन में संदेह व्यक्त किया।
इसके अलावा, CPI(M) पश्चिम बंगाल राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आरोप लगाया कि इस मामले में एक से अधिक व्यक्ति शामिल हैं और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले को आगे नहीं बढ़ा रही है। सलीम ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां केवल ममता बनर्जी की बातें दोहरा रही हैं।
CPI(M) (kolkata rape case:)नेता ने कहा कि यह लंबा संघर्ष है और लोग तब तक नहीं रुकेंगे जब तक पीड़िता के माता-पिता को न्याय नहीं मिलता।
कोर्ट ने शनिवार को संजय रॉय को आरजी कर के रेप और मर्डर मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने आरोपित के खिलाफ BNS की धारा 64, 66, 103/1 के तहत आरोप लगाए।
कोर्ट ने कहा, “आरोपी के खिलाफ शिकायत है कि वह आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में गया था और सेमिनार रूम में आराम कर रही महिला डॉक्टर से दुर्व्यवहार और हत्या की थी।”
यह मामला एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या से जुड़ा है, जिसका शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार रूम में पाया गया था, और इसके बाद संजय रॉय, जो अस्पताल में एक सिविक वॉलंटियर था, को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना ने व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया था।