पश्चिम बंगाल की राजधानी (kolkata rape case:)कोलकाता स्थित सरकारी आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अगस्त 2023 में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी पाए गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अतिरिक्त(kolkata rape case:) जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को रॉय को 9 अगस्त 2023 को स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ किए गए इस जघन्य अपराध में दोषी ठहराया था। इस घटना के बाद देशभर में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध “दुर्लभ से दुर्लभतम” श्रेणी में नहीं आता, इसलिए दोषी को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103(1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया। अदालत ने धारा 64 के तहत आजीवन कारावास और ₹50,000 जुर्माने की सजा सुनाई, जिसका भुगतान न करने पर पांच महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसी तरह, धारा 103(1) के तहत भी आजीवन कारावास और ₹50,000 जुर्माने की सजा दी गई। इसके अलावा, धारा 66 के तहत भी दोषी को आजीवन कारावास दिया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
सीबीआई ने(kolkata rape case:) दोषी को मृत्युदंड देने का अनुरोध किया था, जबकि बचाव पक्ष ने कारावास की सजा की अपील की। न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध “दुर्लभ से दुर्लभतम” की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए मृत्युदंड उचित नहीं है।
इसके अलावा, अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिवार को ₹17 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया—₹10 लाख मृत्यु के लिए और ₹7 लाख दुष्कर्म के लिए। न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि पीड़िता की मौत उसके कार्यस्थल पर ड्यूटी के दौरान हुई, इसलिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह परिवार को मुआवजा प्रदान करे।
सजा सुनाए जाने से पहले, संजय रॉय ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे “गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है।” हालांकि, अदालत ने सीबीआई, पीड़िता के परिवार के वकील और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। अदालत ने रॉय को कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार भी दिया और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की बात कही।