महाकुम्भ (mahakumbh2025:)में आने वाले श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव देने के लिए मेला प्रशासन पूरे मेला क्षेत्र में 30 पौराणिक द्वारों का निर्माण करवा रहा है। इन द्वारों को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए कारीगरों ने तैयार किया है। मेला प्रशासन के अनुसार, प्रत्येक द्वार को विशेष रूप से सजाया गया है, जिसमें विशाल डमरू, कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार शामिल हैं।
सबसे पहले, (mahakumbh2025:)मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं का स्वागत 14 रत्नों वाले द्वार से होगा, जिसमें ऐरावत, कामधेनु गाय, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, सारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत कलश आदि प्रमुख रूप से दर्शाए गए हैं। इसके बाद, नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करेगा, जिसकी लंबाई 100 फुट और ऊंचाई लगभग 50 फुट से अधिक है। इस विशाल डमरू को तैयार करने में बड़ी संख्या में कारीगरों ने अपना योगदान दिया है।इसके अलावा, समुद्र मंथन द्वार और कच्छप द्वार सहित 30 अन्य तोरण द्वार श्रद्धालुओं को पौराणिकता का अहसास कराएंगे।