महाकुंभ(MAHAKUMBH2025:) में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या पर निगरानी रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से लैस कैमरे, आरएफआईडी रिस्टबैंड और मोबाइल ऐप ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह विशाल धार्मिक आयोजन 13 जनवरी से शुरू होगा और 45 दिन तक चलेगा।
उत्तर(MAHAKUMBH2025:) प्रदेश के मंत्री सुरेश खन्ना ने महाकुंभ की तैयारियों का विवरण साझा करते हुए बताया कि इस आयोजन में तीर्थयात्रियों की संख्या को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। खन्ना ने कहा कि पहली विधि में कैमरों के माध्यम से लोगों की निगरानी की जाएगी, दूसरी विधि में आरएफआईडी रिस्टबैंड दिए जाएंगे, जिससे तीर्थयात्रियों के प्रवेश और निकासी के समय को ट्रैक किया जा सकेगा। तीसरी विधि मोबाइल ऐप ट्रैकिंग की होगी, जिसमें तीर्थयात्रियों की सहमति से उनके स्थान को जीपीएस के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार दिव्य, भव्य और डिजिटल महाकुंभ के लिए तैयारियां कर रही है, जिसमें विशेष वेबसाइट, एआई-संचालित चैटबॉट, क्यूआर कोड आधारित पास, बहुभाषी डिजिटल खोया-पाया केंद्र, साफ-सफाई और निगरानी के लिए आईसीटी सिस्टम, राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन-आधारित निगरानी, आपदा प्रबंधन और 530 परियोजनाओं की निगरानी के लिए सॉफ़्टवेयर शामिल हैं।
इसके अलावा, पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए 101 स्मार्ट पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की गई है, जो प्रतिदिन पांच लाख वाहनों को समायोजित कर सकते हैं। इन पार्किंग स्थलों की निगरानी एकीकृत कमांड सेंटर से की जाएगी, और पार्किंग क्षेत्र का आकार 1867.04 हेक्टेयर है, जो पिछले महाकुंभ के मुकाबले 763.75 हेक्टेयर अधिक है।