प्रयागराज की(Mahakumbh2025:) पहचान पूरी दुनिया में त्रिवेणी संगम से होती है, और संगम की पहचान यहां तैरती नावों से। इस बार श्रद्धालुओं को संगम तट पर नावों की अद्भुत छटा देखने को मिलेगी, क्योंकि इन नावों पर खूबसूरत चित्रकारी की जा रही है। एसडीएम (कुम्भ) अभिनव पाठक ने बताया कि महाकुम्भ 2025 के आयोजन के मद्देनज़र प्रयागराज और महाकुम्भ मेला क्षेत्र में निर्माण और सौंदर्यीकरण के कार्य चल रहे हैं। इसके तहत संगम के पक्के घाटों और नावों पर भी चित्रकारी की जा रही है।
पेंटिंग और चित्रकारी (Mahakumbh2025:)का कार्य लगभग पांच लाख वर्गफुट क्षेत्र में किया जा रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत करीब 2000 नावों पर चित्रकारी की जा रही है, ताकि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को एक यादगार और सुखद अनुभव मिले।
प्रयागराज(Mahakumbh2025:) संगम में पीढ़ियों से नाव चलाने वाले नाविकों का कहना है कि कुम्भ 2019 और महाकुम्भ 2025 में पहली बार उन्हें सरकार की तरफ से ध्यान दिया गया है। नाविक सियाराम निषाद का कहना है, “इससे पहले कुम्भ और महाकुम्भ जैसे बड़े अवसर पर केवल लाइसेंस जारी होते थे और प्रशासन नावों का किराया तय करता था, लेकिन हमें और किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिलती थी।”
उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस महाकुम्भ में हमें लाइफ जैकेट, सुरक्षा बीमा के साथ किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी का उपहार दिया है। साथ ही सरकार अब हमारी नावों की मरम्मत और पेंटिंग भी करवा रही है, जो हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है।”