भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र विधानसभा(Maharashtra elections:) चुनाव के लिए रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कड़े प्रावधानों के साथ धर्मांतरण रोधी कानून बनाने का वादा किया गया है। इसमें उद्योग की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण के लिए एक कौशल जनगणना और निम्न आय वाले परिवारों को मुफ्त राशन देने का आश्वासन भी दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुंबई में 25 सूत्री ‘संकल्प पत्र 2024’ जारी किया। इसके अनुसार, महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता 1,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 2,100 रुपये की जाएगी।
भाजपा (Maharashtra elections:)ने 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में 25 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने और 10 लाख छात्रों को हर महीने 10,000 रुपये का वजीफा देने का वादा किया है। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है। भाजपा के घोषणापत्र में जबरन और धोखे से धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए धर्मांतरण रोधी कानून बनाने का वादा किया गया है।
घोषणापत्र में कौशल जनगणना के माध्यम से उद्योग की जरूरतों का पता लगाने और आवश्यकतानुसार कौशल प्रशिक्षण को उन्नत करने का आश्वासन दिया गया है। अक्षय अन्न योजना के तहत, कम आय वाले परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से हर महीने मुफ्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। भाजपा ने राज्य को एक उन्नत रोबोटिक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित करने की भी योजना बनाई है।
घोषणापत्र(Maharashtra elections:) में प्रत्येक जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज आकांक्षा केंद्रों के माध्यम से 10 लाख नए उद्यमी तैयार करने का वादा भी किया गया है। पार्टी ने 2027 तक 50 लाख “लखपति दीदी” बनाने का वादा किया है, जिसके लिए 500 स्वयं सहायता समूहों का एक औद्योगिक समूह बनाया जाएगा और 1,000 करोड़ रुपये का प्रारंभिक कोष प्रदान किया जाएगा।घोषणापत्र में महायुति के सत्ता में आने पर नागपुर, पुणे, छत्रपति संभाजीनगर, नासिक और अहिल्यानगर को आधुनिक वैमानिकी एवं अंतरिक्ष निर्माण केंद्रों के रूप में विकसित करने का वादा किया गया है। इसमें उर्वरकों की खरीद पर एसजीएसटी को किसानों को अनुदान के रूप में वापस करने और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रखने का भी वादा किया गया है।