श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कृषि फ़ार्म पर मनाया गया मकर संक्रांति और लोहड़ी का पर्व
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में मकर संक्रांति और लोहड़ी का त्योहार श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर उत्तरायण हुए सूर्य देव का अभिनंदन अग्नि में तिल और गुड़ की आहुति देकर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुँची कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने कहा कि सूर्य का उत्तरायण होना शुभ होता है। इसी के साथ हमारे जीवन में शुभ कार्यों की शुरूआत होती है। सूर्य का हमारे जीवन में अत्यंत महत्व है। प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने कहा कि सूर्य देव को समर्पित यह मकर संक्रांति का पर्व हमारे जीवन में नए उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। साथ ही उन्होंने लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति में खुशियों का प्रतीक है। उन्होंने सभी शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को मकर संक्रांति और लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं दीं और इस आयोजन के लिए कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर जॉय कुरियाकोजे को बधाई दी। इस मौक़े पर प्रोफ़ेसर जॉय कुरियाकोजे ने कहा कि मकर संक्रांति और लोहड़ी दोनों ही त्योहार किसानों से संबंधित हैं। कृषि क्षेत्र में मकर संक्रांति के पश्चात एक नई बहार आती है और वनस्पतियों में नई ऊर्जा का संचार होता है।
सभी ने ढोल की थाप पर नृत्य कर मकर संक्रांति और लोहड़ी का उत्सव मनाया। मूंगफली और तिल से बनी मिठाइयां बाँटी गई। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर सुरेश कुमार, प्रोफ़ेसर कुलवंत सिंह, डॉ. हरीश कुमार, डॉ. तेजेंद्र सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. सज्जन वाही, डॉ. गीता, डॉ. खुशबु, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, पुष्पेन्द्र शर्मा के अलावा काफ़ी संख्या में स्टाफ सदस्य और विद्यार्थी भी उपस्थित थे।