केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Mamta-Manjhi: )ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना पर “शर्मिंदा” होना चाहिए और अगर वह कानून और व्यवस्था संभाल नहीं सकतीं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। मांझी ने कहा, “एक महिला के खिलाफ गंभीर अपराध हुआ है और सर्वोच्च न्यायालय ने इसका संज्ञान लिया है। ममता को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह भी एक महिला और मुख्यमंत्री हैं।”
Mamta-Manjhi: कानून और व्यवस्था राज्य का विषय
उन्होंने आगे कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और अगर ममता इसे संभाल नहीं सकतीं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। “अगर वह (ममता) इसे संभाल नहीं सकतीं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें दूसरों को दोष देना बंद करना चाहिए। भारत के लोग समझ चुके हैं कि वह क्या कहना चाहती हैं,” मांझी ने कहा।
राज्य सरकरा आरोपियों को बचा रहीः घोष
इससे पहले, बीजेपी नेता दिलीप घोष ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल सरकार कोलकाता महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले की जांच में बाधा डालने और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। घोष ने कहा, “राज्य सरकार ने जनता के बीच भ्रम पैदा करने और सबूत नष्ट करने की कोशिश की…राज्य सरकार अभी भी जांच में बाधा डालने और आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। राज्य पुलिस सीबीआई के साथ समन्वय नहीं कर रही है… जो भी काम राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है, चाहे वह प्रिंसिपल हो, डीसी हो, सीपी हो या मुख्यमंत्री से लेकर अन्य सभी नेता, ये लोग इसे जानबूझकर कमजोर करना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “ममता बनर्जी के शासन के दौरान इस तरह के 48,000 मामले पहले भी हो चुके हैं, जिनमें से कोई भी हल नहीं हुआ।”
डाक्टरों ने घटना के बाद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनिंग कर रही डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में विरोध की लहर पैदा कर दी है। ट्रेनिंग डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया था। डॉक्टरों ने विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन किए हैं और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की है तथा स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए सुरक्षा कानूनों को बढ़ाने की मांग की है। इस मामले को स्थानीय पुलिस से लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दिया गया है।इस घटना के संबंध में अस्पताल के एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है।