बुधवार को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय(MGIHU: ), वर्धा के कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की। इस बैठक में कुलसचिव प्रो. आनंद पाटील और महानुभाव आश्रम, राजापेठ, अमरावती के कुलाचार्य मोहन बाबा कारंजेकर भी मौजूद थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करना था।
MGIHU: विवि द्वारा की गई पहल के बारे में बताया
कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह ने शिक्षा मंत्री को विश्वविद्यालय के योगदान, विशेषताओं, और हिंदी भाषा के विकास में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने हिंदी भाषा और साहित्य के संरक्षण और प्रसार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। विश्वविद्यालय भारतीय और वैश्विक संदर्भ में हिंदी की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। प्रो. सिंह ने केंद्रीय मंत्री को इन परियोजनाओं की प्रगति और उनकी संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
मंत्री ने प्रयासों की सराहना की
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इसके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य के संरक्षण और प्रसार में विश्वविद्यालय के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को नई तकनीकों और नवाचारों का उपयोग करके हिंदी शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अधिक संसाधन और समर्थन प्राप्त करना चाहिए। प्रधान ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उपायों पर जोर देते हुए विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की उपस्थिति बढ़ाने की सलाह दी।
वित्तीय समर्थन की मांग
प्रो. सिंह ने इस अवसर का उपयोग करते हुए विश्वविद्यालय की विभिन्न परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त वित्तीय समर्थन की मांग की। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया, जिससे हिंदी की शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। शिक्षा मंत्री प्रधान ने विश्वविद्यालय के प्रस्तावों और सुझावों को गंभीरता से सुनते हुए सकारात्मक समर्थन का आश्वासन दिया। यह बैठक महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई और इससे हिंदी शिक्षा के क्षेत्र में नई उन्नति और समृद्धि की उम्मीद की जा रही है।