प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रुनेई और सिंगापुर(Modi Brunei Singapore: ) को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए कहा कि उनकी आगामी तीन दिवसीय यात्रा से इन देशों और व्यापक आसियान क्षेत्र के साथ भारतीय साझेदारी को मजबूत किया जाएगा। मोदी मंगलवार सुबह ब्रुनेई और सिंगापुर की यात्रा पर रवाना हुए।
Modi Brunei Singapore: चार सितंबर को मोदी सिंगापुर जाएंगे
ब्रुनेई की यात्रा भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। इस अवसर पर, मोदी ने कहा, “हम अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्षों का जश्न मना रहे हैं। मैं सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं ताकि हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें।” ब्रुनेई से चार सितंबर को मोदी सिंगापुर जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरतनम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग और सेवानिवृत्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मुलाकात करेंगे। मोदी ने कहा, “मैं सिंगापुर के व्यावसायिक समुदाय के नेताओं से भी मुलाकात करूंगा और हमारी रणनीतिक साझेदारी, विशेष रूप से उन्नत विनिर्माण, डिजिटलीकरण और सतत विकास के नए क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की उम्मीद करता हूं।”
मोदी ने कहा , इन दोनों देशों की यात्रा का उद्देश्य भारत के साथ उनके संबंधों को प्रगाढ़ करना
सिंगापुर दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत भी है। मोदी ने कहा कि इन दोनों देशों की यात्रा का उद्देश्य भारत के साथ उनके संबंधों को प्रगाढ़ करना है।विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने बताया कि भारत और ब्रुनेई एक संयुक्त रक्षा कार्य समूह स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मोदी की सिंगापुर यात्रा लगभग छह साल बाद हो रही है और यह यात्रा नए नेता के सत्ता संभालने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के नए चरण की शुरुआत के लिए उपयुक्त समय है। इस यात्रा से ब्रुनेई और सिंगापुर के साथ रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान में सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
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