प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने(modi rural:) शनिवार को कहा कि कुछ लोग जातिवाद की राजनीति के नाम पर शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसी साजिशों को विफल किया जाना चाहिए ताकि देश के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक सद्भाव बना रहे। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण भारत महोत्सव का उद्घाटन करते हुए विश्वास जताया कि 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण में गांवों की अहम भूमिका होगी।
प्रधानमंत्री (modi rural:)मोदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग जातिवाद की राजनीति का जहर फैला रहे हैं, जो देश की शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें गांवों में शांति और सद्भाव की पुरानी परंपरा को और मजबूत करना होगा।”प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा 2014 से ग्रामीण विकास के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि एक एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण भारत में गरीबी दर 2012 के 26 प्रतिशत से घटकर अब 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है। मोदी ने यह भी कहा कि पहले की सरकार ने ग्रामीण भारत को नजरअंदाज किया और उन्हें बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा, जबकि उनकी सरकार अब गांवों को सशक्त बना रही है और उन लोगों पर ध्यान दे रही है, जो पहले उपेक्षित थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर कहा कि बैंकों ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना सहित 16 सरकारी योजनाओं के लिए संतृप्ति अभियान चलाया है।ग्रामीण भारत महोत्सव के दौरान विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण, और ग्रामीण समुदायों में नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। इस महोत्सव का एक मुख्य उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और खासकर पूर्वोत्तर भारत की ग्रामीण आबादी में आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना है।