उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को(modi security 🙂 पंजाब सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा के समक्ष गवाही देने वालों के बयान मुहैया कराने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ बयानों की मदद लिए बिना स्वतंत्र रूप से जांच करे।
सुप्रीम(modi security 🙂 कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए 12 जनवरी 2022 को पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। पीठ ने कहा कि समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद 25 अगस्त 2022 को मामले पर सुनवाई की गई थी, और रिपोर्ट की प्रति केंद्र और राज्य सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अदालत के महासचिव के संरक्षण में रखा गया था।
पंजाब(modi security 🙂 सरकार ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ आगे की कार्यवाही के लिए गवाहों के बयान प्राप्त करने का अनुरोध किया था। परंतु, न्यायालय की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार अपने जांच कार्य को गवाहों के बयानों की सहायता के बिना भी जारी रख सकती है।सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी जांच में पाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे में सुरक्षा चूक के दौरान, पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहे थे।