यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Modi-Zelensky: )ने शुक्रवार को कहा कि भारत उनके देश और रूस के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त कराने के वैश्विक कूटनीतिक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने यह भी व्यक्त किया कि वह भारत की यात्रा करने को लेकर उत्सुक हैं। यह टिप्पणी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता के बाद की। इस दौरान मोदी ने जेलेंस्की को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया था।
Modi-Zelensky: यूक्रेन के लिए भारत का समर्थन महत्वपूर्ण बताया
जेलेंस्की ने भारतीय मीडियाकर्मियों से बातचीत में मोदी की यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि भारत को यूक्रेन का समर्थन करना चाहिए, बजाय इसके कि वह अमेरिका और रूस के बीच संतुलन साधने का प्रयास करे। उन्होंने जोर दिया कि भारत का समर्थन यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर इस संघर्ष के समाधान में।
रूस और यूक्रेन को बात करने की प्रधानमंत्री ने दी सलाह
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा, जो लगभग नौ घंटे तक चली, 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह यात्रा जुलाई में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई, जो भारत की स्थिति को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के संकेत देती है। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध समाप्त करने के तरीकों पर विचार करने के लिए बिना देरी के एक साथ बैठना चाहिए। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत फरवरी 2022 में युद्ध की शुरुआत से ही शांति का समर्थक रहा है। उन्होंने शांति स्थापना के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि भारत हमेशा से संघर्ष का समाधान शांति से निकालने का पक्षधर रहा है।
जेलेंस्की का दावा, पुतिन शांति नहीं चाहते
जेलेंस्की ने मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि जब आप रणनीतिक साझेदारी और संवाद शुरू करते हैं, तो समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसलिए, अगर हमारी अगली बैठक भारत में होती है, तो मुझे खुशी होगी। उन्होंने भारत की ऐतिहासिक और कूटनीतिक भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि भारत का यूक्रेन के पक्ष में रहना उनके लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पुतिन की तुलना में शांति के ज्यादा समर्थक हैं, लेकिन समस्या यह है कि पुतिन शांति नहीं चाहते। जेलेंस्की ने भारत के कूटनीतिक प्रभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भारत की ऐतिहासिक पसंद का मामला हो सकता है, जो विश्व में शांति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।