भारत में अगस्त में सामान्य से लगभग 16 प्रतिशत अधिक वर्षा(Monsoon India: ) दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत में 253.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद से अगस्त में दूसरी सबसे अधिक वर्षा है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने शनिवार को एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
Monsoon India: अगस्त में 287.1 मिमी बारिश दर्ज
महापात्र ने बताया कि देश में अगस्त में 287.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य तौर पर 248.1 मिमी बारिश होती है। मानसून की शुरुआत एक जून से होने के बाद से अब तक भारत में कुल 749 मिमी वर्षा हुई है, जबकि इस अवधि में सामान्य तौर पर 701 मिमी बारिश होती है। महापात्र ने कहा कि हिमालय के तराई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर के कई जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। इसका कारण यह है कि अधिकांश निम्न दबाव प्रणालियां अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर चली गईं और मानसून का प्रवाह भी अपने सामान्य स्थिति से दक्षिण में बना रहा। उन्होंने बताया कि केरल और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में कम वर्षा हुई है।
कम वर्षा का प्रभाव कृषि पड़ा
उन्होंने यह भी बताया कि इन क्षेत्रों में कम वर्षा का प्रभाव कृषि और जल संसाधनों पर भी पड़ा है। हालांकि, देश के अन्य हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा के कारण जलस्तर में वृद्धि हुई है और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। महापात्र ने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में वर्षा की स्थिति में सुधार हो सकता है, जिससे इन प्रभावित क्षेत्रों को राहत मिलेगी। इस वर्षा के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि मानसून के बदलते पैटर्न और निम्न दबाव प्रणालियों की दिशा में बदलाव के कारण कुछ क्षेत्रों में कम वर्षा और अन्य क्षेत्रों में अधिक वर्षा हुई है। यह स्थिति कृषि और जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है और इसके प्रभावों को ध्यान में रखते हुए उचित उपाय करने की आवश्यकता है।
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