नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस के इतिहास में सबसे महान सेनापतियों में से एक गिना जाता है। उसका जन्म 15 अगस्त 1769 को अजैंसियो में हुआ था। वह बचपन से ही साहसी, दयालु और सत्य बोलने वाला था। उसने अपने शासन काल में कई लड़ाइयां लड़ी थीं और जीत हासिल की थी।
इतिहास बताता है कि वह 23 साल की उम्र में ही फ्रांस के नेशनल गार्ड में लेफ्टिनेंट कर्नल बन गया था। वह बहुत अमीर परिवार का नहीं था। उसका बचपन औसत दर्जे के आय वर्ग वाले परिवार में बीता था। लेकिन वह महत्वाकांक्षी बहुत था। उसके बचपन की एक घटना है। वह और उसकी बड़ी बहन कहीं जा रहे थे। रास्ते में उसकी बहन एक लड़की से टकरा गई। उस लड़की ने अपने सिर पर अमरूद से भरी टोकरी रख रखी थी।
टक्कर लगने से उसके सारे अमरूद जमीन पर गिरकर बिखर गए और खराब हो गए। वह लड़की रोने लगी। रोते हुए उस लड़की ने कहा कि अब मैं इस अमरूद को कैसे बेचने जाऊंगी। यह सब तो खराब हो गए। मैं अपने बूढ़े पिता को तीन-चार दिन तक खाना कैसे खिलाऊंगी। यह सुनकर नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा कि तुम घबराओ नहीं। मैं तुम्हें कुछ पैसे देता हूं। यदि तुम मेरे घर चलो तो मैं तुम्हें पूरे पैसे दिला सकता हूं। यह सुनकर नेपोलियन की बहन ने कहा कि आओ भाई, हम भाग चलें। हमें कोई देख नहीं रहा है।
हम पकड़े गए तो अमरूद के दाम के साथ-साथ जुर्माना भी देना पड़ेगा। नेपोलियन लड़की को लेकर अपने घर पहुंचे और मां से कहा कि आप मुझे जेब खर्च मत देना और स्कूल में ले जाने वाला नाश्ता भी न देना, लेकिन इस लड़की को इसके अमरूद के पैसे दे दीजिए। डेढ़ महीने तक नेपोलियन को नाश्ता और जेब खर्च नहीं मिला। इस पर भी वह खुश रहे।
-अशोक मिश्र