फरीदाबाद, 31 जुलाई – हरियाणा सरकार ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सिटी मजिस्ट्रेट (सीटीएम), तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) सहित ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया है।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि इस विषय में प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब विवाह पंजीकरण करवाने वाले लोग लोकल स्तर पर अपनी सुविधा अनुसार ग्राम सचिव से लेकर बीडीपीओ, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इससे पहले ग्रामीण स्तर पर केवल तहसीलदार के पास ही मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार था।
इसी प्रकार, शहरी क्षेत्रों के लिए संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर समिति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामित रजिस्ट्रार होंगे। नागरिक अब अपने विवाह को घर के नजदीक उक्त अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रार की संख्या बढ़ने और घर से कम दूरी के कारण अब विवाह पंजीकरण करवाने वालों के लिए सुविधा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।
विवाह पंजीकरण https://shaadi.edisha.gov.in/ पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2020 में सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल लांच किया था।
वर्तमान में एडीसी-सह-डीसीआरआईओएस (अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी) के पास परिवार पहचान पत्र डेटाबेस (पीपीपी-डीबी) में डेटा निर्माण और अपडेट से संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवाह पोर्टल को परिवार पहचान पत्र डेटा बेस के साथ जोड़ा गया है। विवाह पंजीकरण के लिए एडीसी सह डीसीआरआईओ पीपीपी-डीबी को जिला रजिस्ट्रार के रूप में भी नामित किया गया है। उक्त अधिकारी को ही प्रथम अपीलकर्ता प्राधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया से जिला स्तर पर विवाह पंजीकरण व परिवार पहचान पत्र में तालमेल बन पाएगा, जिससे नागरिक को फैमिली आईडी के साथ-साथ विवाह पंजीकरण संबंधित शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान हो पाएगा।