बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान रमेश डागर ने जबकि संचालन सह सचिव जितेंद यादव ने किया।
इस अवसर बैठक को संबोधित करते हुए जिला प्रधान रमेश डागर ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा आठवें पे कमीशन के गठन से इंकार करने से कर्मचारियों में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया। 3 दिसम्बर को राज्यसभा सांसद जेवाद अली खान एवं रामजीलाल सुमन ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन करने जा रही है? इसके जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लिखित में जवाब दिया है कि केंद्र सरकार के पास आठवें पे कमीशन के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि आठवें पे कमीशन की सिफारिशों को जनवरी 2026 से लागू किया जाना है। प्रत्येक 10 साल के अंतराल के बाद वेतनमानों में संशोधन करने के लिए केंद्रीय पे कमीशन का गठन किया जाता है और उसकी सिफारिशों को लागू किया जाता है। इससे पहले पुरानी पेंशन योजना बहाली और कोविड में कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के फ्रिज किए 18 महीनों के महगांई भत्ते का एरियर और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने से स्पष्ट मना कर चुकी है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य में एक लाख से अधिक पद खाली पड़ें हैं सरकार स्वीकृत पदों पर अस्थाई संविदा कर्मचारियों की बजाय स्थाई कर्मचारीयों की भर्ती करे। पंचायत में कार्यरत जल कर्मियों का वेतन समय पर नहीं मिल रहा है तथा पिछले 2 साल से वेतन में भी वृद्धि नहीं हुई है। 2019 में भर्ती हुए ग्रुप डी कर्मचारियों के कॉमन कैडर के सेवा नियम सरकार ने नहीं बनाए हैं। जिस कारण उनकी पदोन्नति समय पर नहीं हो पा रही है। दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा पत्र जारी कर ग्रुप डी कर्मचारियों का वर्दी भत्ता नए सत्र से खत्म कर दिया गया है जो कि सरासर अन्याय पूर्ण फैसला है। कर्मचारियों की मांगों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ 10 दिसम्बर को पलवल जिले में विस्तारित कन्वेंशन का आयोजन करने जा रहा है जिसमें मैकेनिकल वर्करज यूनियन बढ़चढ़ कर हिस्सा लेगी।
बैठक में जिला कोषाध्यक्ष रूपचंद डागर मंगल सिंह, रवि दत्त, दुष्यंत कुमार, हरकेश सौरोत, प्रताप सिंह फौजी, बालकिशन शर्मा, अशोक कुमार, भारत, किशन दत्त , चरण सिंह डागर , भूप राम सौरोत आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।