बच्चों (parenting:)पर चिल्लाने या मारने का गहरा नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे उनका आत्म-सम्मान कम हो सकता है और वे असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। यह उन्हें और ज्यादा जिद्दी और आक्रोशित बना सकता है। हालांकि, बच्चों में अनुशासन डालना बेहद जरूरी है, और इसके लिए जरूरी नहीं कि आप चिल्लाएं या शारीरिक सजा दें।
parenting:सबसे पहले खुद को अनुशासित रखना जरूरी
जब आप बच्चों को डांटते हैं, तो सबसे पहले खुद को अनुशासित रखना जरूरी है। बिना चिल्लाए भी आप बच्चों को अच्छे तरीके से सिखा सकते हैं। रिसर्च के अनुसार, प्यार भरे वातावरण में पले-बढ़े बच्चों का दिमाग ज्यादा क्रिएटिव और समझदार होता है।बच्चों को स्पष्ट रूप से बताएं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। उन्हें नियमों के बारे में समझाएं और उनसे इस पर सहमति लें ताकि वे इसे सही से समझ सकें। उन्हें हमेशा शांति से प्यार भरे स्वर में बताएं और उनकी गलती के बारे में धीरे-धीरे समझाएं।
parenting:प्रेम से समझाने की कोशिश करें
आप बच्चों को शांतिपूर्वक और प्रेम से समझाने की कोशिश करें। जैसे यदि वे खिलौने सही से नहीं रखते हैं, तो उन्हें यह समझाएं कि खिलौना खो सकता है, ताकि उन्हें जिम्मेदारी का एहसास हो। साथ ही, बच्चों के अच्छे व्यवहार पर उनकी तारीफ करें और उन्हें छोटा सा इनाम या सराहना दें, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।बच्चों को यह महसूस कराएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं। प्यार से गले लगाकर और भावनात्मक समर्थन देकर उनकी समझ और धैर्य को बढ़ाया जा सकता है। बच्चों को यह एहसास दिलाना बहुत महत्वपूर्ण है कि वे किसी भी समस्या में आपके पास आ सकते हैं।
बच्चे आपको देखकर सीखते हैं
5 साल के बाद बच्चे अक्सर अपनी पसंदीदा चीजें खुद करने की कोशिश करते हैं, जैसे पहनने के लिए जूते चुनना। ऐसे में उन्हें आदेश देने के बजाय, आप उन्हें छोटे विकल्प दे सकते हैं, जैसे “आज तुम कौनसे जूते पहनोगे, रेड या ब्लू?” इससे बच्चों को जिम्मेदारी का एहसास होगा।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे आपसे नहीं, बल्कि आपको देखकर सीखते हैं। अगर आप अनुशासन का पालन करेंगे, जैसे रोज़ एक्सरसाइज करना, तो बच्चे भी आपको देखकर अनुशासन अपनाएंगे। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि बच्चे अनुशासन में रहें, तो आपको खुद भी अनुशासन की मिसाल कायम करनी होगी।