PM Modi in Austria: भारत और ऑस्ट्रिया ने यूक्रेन युद्ध के अंतरराष्ट्रीय कानून व संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप “शांतिपूर्ण समाधान” के लिए किसी भी सामूहिक प्रयास का समर्थन किया है। साथ ही कहा कि इस पूर्वी यूरोपीय देश में व्यापक तथा स्थायी शांति कायम करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के बीच हुई बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यूरोप के साथ-साथ पश्चिम एशिया में हाल के घटनाक्रमों की गहन समीक्षा की। दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति व समृद्धि में योगदान देने के लिए भारत और ऑस्ट्रिया जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित किया।
PM Modi in Austria: शांति बहाली के समर्थन में दोनों देश
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद मोदी मंगलवार रात मॉस्को से वियना (PM Modi in Austria) पहुंचे। संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर नेहमर ने “यूरोप के साथ-साथ पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व में हाल के घटनाक्रम पर गहन विचार-विमर्श किया। बयान के अनुसार उन्होंने दोनों देशों के दृष्टिकोण में इस समानता को रेखांकित किया कि वे शांति बहाल करने और सशस्त्र संघर्ष से बचने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानून व संयुक्त राष्ट्र चार्टर का कड़ाई से पालन करने के प्रयासों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
यूक्रेन में शांति के लिए सबकों साथ आना होगा
बयान में कहा गया, “यूक्रेन में जारी युद्ध के संबंध में, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून व संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप शांतिपूर्ण समाधान के लिए किसी भी सामूहिक प्रयास का समर्थन किया। दोनों पक्षों (PM Modi in Austria) का मानना है कि यूक्रेन में व्यापक और स्थायी शांति कायम करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने और ईमानदारीपूर्ण प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।”
“यह युद्ध का समय नहीं”
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi in Austria ) ने एक बार फिर कहा कि “यह युद्ध का समय नहीं है” और भारत व ऑस्ट्रिया ने शांति तथा स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र समुद्र विधि समझौता (यूएनसीएलओएस) में परिलक्षित समुद्री अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार और “संप्रभुता, क्षेत्रीयता के प्रति पूर्ण सम्मान” के आधार पर “स्वतंत्र, मुक्त व नियम-आधारित हिंद-प्रशांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पर जोर दिया ताकि समुद्री सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति व स्थायित्व को बढ़ावा मिले। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल की ओर इशारा करते हुए यह बात कही।