प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(pm modi law:) ने मंगलवार को तीन नए आपराधिक कानूनों को सफलतापूर्वक लागू करने का राष्ट्र को समर्पण किया। ये कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – एक जुलाई को लागू हुए थे, जो ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले चुके हैं।
चंडीगढ़ (pm modi law:)देश की पहली प्रशासनिक इकाई बन गई है, जहां इन तीनों कानूनों का 100 प्रतिशत क्रियान्वयन हो चुका है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये नए आपराधिक कानून संविधान में निहित आदर्शों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने इसे औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक बताया। मोदी ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान बने ये कानून भारतीयों को दंडित करने और उन्हें गुलाम बनाए रखने के लिए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “1857 की क्रांति ने ब्रिटिश शासन की जड़ें हिला दी थीं, जिसके परिणामस्वरूप 1860 में आईपीसी लाया गया और बाद में भारतीय साक्ष्य अधिनियम और सीआरपीसी अस्तित्व में आए।” इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चंडीगढ़ में इन तीनों कानूनों को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है और अब प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर न्याय मिलेगा। शाह ने कहा, “हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली होगी।”
केंद्रीय गृह मंत्री(pm modi law:) ने नए कानूनों को पूरी तरह से लागू करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की प्रशंसा भी की। इससे पहले, मोदी ने एक लाइव प्रदर्शन देखा जिसमें नए कानूनों के तहत अपराध स्थल की जांच को प्रदर्शित किया गया। चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थापित एक प्रदर्शनी हॉल में साक्ष्य एकत्र करने और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में नए कानूनों को व्यावहारिक रूप से लागू करने की प्रक्रिया को भी दिखाया गया। प्रधानमंत्री मोदी को चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कंवरदीप कौर ने जानकारी भी दी।
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के साथ पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के सलाहकार राजीव वर्मा, और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह यादव भी उपस्थित थे।