NAMO BHARAT TRAIN दिल्ली से मेरठ (Delhi to Meerut rapid rail) के बीच यात्रा करने वाले मुसाफिरों को बड़ा तोहफा मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम Ghaziabad-Meerut RRTS Corridor (rapid rail) का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने आरआरटीएस गलियारे के तहत चलने वाली पहली रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन सेवा को वंदे भारत (Vande Bharat) की तर्ज पर नमो भारत (Namo Bharat) ट्रेन नाम दिया गया है।
जानें Rapid Rail सेवा क्या है
पीएम नरेंद्र मोदी ने साहिबाबाद से देश की पहली रैपिडएक्स ट्रेन (Rapidx Train) का उद्घाटन किया। रैपिड रेल (rrts rapid rail) पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड पर चलेगी। उद्घाटन से पहले रैपिड रेल का ट्रायल भी हुआ था। रैपिड रेल ने 152 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की स्पीड का आंकड़ा हासिल किया।
Rapid Rail परियोजना
रैपिड रेल (rrts rapid rail) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) (NCRTC) प्रोजेक्ट के तहत चलाया जाना है। दरअसल, एनसीआरटीसी भारत सरकार, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों की संयुक्त क्षेत्र की कंपनी है। इसका काम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यान्वयन है, ताकि इन क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क और पहुंच के माध्यम से संतुलित और टिकाऊ शहरी विकास संभव हो सके।
क्यों पड़ी रैपिड रेल की जरूरत
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और दिल्ली को कनेक्ट करने के लिए एक एकीकृत कम्यूटर रेल नेटवर्क (rapid rail) का विचार भारतीय रेल के अध्ययन कमीशन में 1998-99 में प्रस्ताव रखा गया था। अध्ययन ने एक आरआरटीएस नेटवर्क जो कि ऐसी एक फास्ट लोकल ट्रेनों का उपयोग करके कनेक्टिविटी प्रदान करेगा इस संभावना की पहचान की थी। बाद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (NCRPB) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों को आठ RRTS कॉरिडर से कनेक्ट करने के लिए उच्च गति रेल पारगमन सेवाओं की सिफारिश की।
कब शुरू हुआ रैपिड रेल का काम
NCRTC का गठन हुआ जो कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को स्थापित करने की नोडल संस्था बना। एनसीआरटीसी प्रोजेक्ट पर काम जून 2019 में शुरू हुआ। इसके चार साल के भीतर ही एनसीआरटीसी रैपिडेक्स सेवाओं का कमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने के लिए तैयार है। एनसीआरटीसी की टीम ने परियोजना के बाकी हिस्से में भी तेजी से प्रोसेस की है। यह जून 2025 में निर्धारित समयसीमा के भीतर मेरठ में मेट्रो सेवाओं के साथ-साथ पूरे कॉरिडोर को परिचालित कर सकती है।
इन पांच रूट्स पर चलेगी रैपिड ट्रेन
इस कॉरिडोर का प्लान रैपिड एक्स प्रोजेक्ट के तहत किया गया है, जिसके मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की होगी। पहले खंड में रैपिड रेल (rrts rapid rail) साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी। ये रूट 17 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर पांच स्टेशन होंगे। जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं।
क्या होंगी सुविधाएं?
NCRTC का दावा है कि भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा, जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। यात्री मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे। रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है। अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है, तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। इस ट्रेन में दिव्यांगों के लिए अलग सीट तैयार की गई है। इस ट्रेन की सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है, इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर भी होंगे।
क्या होगा किराया?
डीपीआर के अनुमान के मुताबिक, ट्रेन में किराया करीब दो से तीन रुपये प्रति किमी होगा। दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी। इसे मुनिरका, आईएनए और एरोसिटी से जोड़ा जाएगा। आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे। एजेंसी का अनुमान है कि प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा, तो रोज आठ लाख यात्री इससे सफर कर सकेंगे।