Saturday, February 22, 2025
20.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiबेरोजगारों की हथेली पर सरसों उगाने का दावा करते राजनीति दल

बेरोजगारों की हथेली पर सरसों उगाने का दावा करते राजनीति दल

Google News
Google News

- Advertisement -

हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार जोरों पर है। हर राजनीतिक दल मतदाताओं को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। कई तरह के वायदे किए जा रहे हैं। जीतने पर आकाश कुसुम तोड़कर मतदाताओं की हथेली पर रख देने के दावे किए जा रहे हैं। 14 सितंबर को कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में हुई जन आशीर्वाद रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को बिना पर्ची खर्ची के नौकरियों को देने का दावा कियाा। विधानसभा चुनावों में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आई है। भाजपा नेता जब भी रोजगार की बात होती है तो यही दावा करते हैं कि पिछले दस साल में उन्होंने बिना पर्ची और बिना खर्ची के 1.35 लाख युवाओं को नौकरियां दी हैं। लेकिन यह भी सच है कि अभी तक प्रदेश में 1.60 लाख पद खाली पड़े हैं। प्रदेश में 4.50 लाख सरकारी पद स्वीकृत हैं

लेकिन अभी तक 2.90 लाख सरकारी कर्मचारियों से ही सारे विभागों, नगर निगमों और बोर्डों के कामकाज चलाए जा रहे हैं। अब भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार और कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मतदाताओं से वायदा किया है कि चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बनते ही 24 हजार पदों पर भर्तियां की जाएंगी। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दावा है कि कांग्रेस सरकार बनने के एक साल के भीतर एक लाख नौकरियां प्रदेश के युवाओं को दी जाएंगी। वहीं नौकरी देने के वायदे में इनेलो-बसपा, आम आदमी पार्टी और जजपा भी पीछे नहीं हैं। हालांकि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अस्वीकार कर दिए जाने के बावजूद जजपा प्रदेश के युवाओं को निजी नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण दिलाने के दावे पर अडिग है।

यदि बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर डालें तो हरियाणा में सचमुच बेरोजगारी अपने चरम पर है। केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय का आंकड़ा बताता है कि प्रदेश के शहरी इलाकों में 15 से 29 आयुवर्ग में बेरोजगारी की दर जून 2024 में 11.2 प्रतिशत हो गई थी। महिलाओं की अप्रैल-जून 2024 की तिमाही में 13.9 से बढ़कर 17.2 प्रतिशत हो गई थी। सेंटर फॉर इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 27 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी है। इन दिनों प्रदेश की बेरोजगारी दर 11 प्रतिशत बताई जा रही है।

इस बात में कोई शक नहीं है कि पिछले दस सालों में प्रदेश में कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं लगी है। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्य जहां अपने यहां टेक्नोलॉजी और दूरसंचार से जुड़े उद्योगों को लगाने में प्राथमिकता दे रहे हैं, वहीं हरियाणा में साइकिल, मोटर साइकिल जैसे पारंपरिक उद्योगों को लगाने का प्रयास हो रहा है। यही वजह है कि यहां पूंजी निवेश भी उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले में बहुत कम है।

-संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments