पंजाब के (punjab farmer:)किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को किसानों की मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू करने से पहले ही खनौरी बॉर्डर से कथित रूप से जबरन हटाए जाने के बाद मंगलवार को लुधियाना के एक अस्पताल में जांच के लिए ले जाया गया। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि डल्लेवाल को सोमवार रात खनौरी बॉर्डर से जबरन अपने साथ ले जाया गया। पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डल्लेवाल को लुधियाना के दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसी) भेजा गया। पुलिस उप महानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रशासन डल्लेवाल की उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था, इसीलिए उनकी चिकित्सकीय जांच कराई जा रही है।
डल्लेवाल (punjab farmer:)ने सोमवार को घोषणा की थी कि वह मंगलवार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू करेंगे और इसके लिए वह अपनी जान देने के लिए भी तैयार हैं। पंधेर ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए डल्लेवाल की तत्काल रिहाई की मांग की। किसानों का आरोप है कि पुलिस का 250 सदस्यीय दल देर रात खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा और डल्लेवाल को जबरन अपने साथ ले गया।
किसान(punjab farmer:) नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने बताया कि शुरुआत में यह पता नहीं था कि डल्लेवाल को कहां ले जाया गया, लेकिन बाद में यह जानकारी मिली कि उन्हें अस्पताल भेजा गया है। मंगत ने कहा कि वे अपना अनशन जारी रखेंगे और अब कोई अन्य किसान नेता इस पर बैठेंगे।केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने पंजाब सरकार पर डल्लेवाल को “हिरासत में लेने” की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से राज्य पुलिस का काम है और केंद्र सरकार का इस साजिश में कोई हाथ नहीं है।
किसान और किसान मजदूर मोर्चा ने एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई अन्य मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा की थी। किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं और उन्होंने केंद्र पर उनकी मांगों के समाधान में नाकामी का आरोप लगाया है। उनकी मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों का पालन, किसानों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, भूमि अधिग्रहण अधिनियम की बहाली, और पिछले आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग शामिल है।