अभिनेत्री (punjab kangana:)कंगना रनौत ने शुक्रवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग और पंजाब के कुछ हिस्सों में इसके सीमित प्रदर्शन को “कला और कलाकारों का पूरी तरह उत्पीड़न” करार दिया।
एसजीपीसी(punjab kangana:) प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर ‘इमरजेंसी’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। यह फिल्म शुक्रवार को देशभर में रिलीज हुई, लेकिन लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा के कई सिनेमाघरों में इसे प्रदर्शित नहीं किया गया, क्योंकि एसजीपीसी के सदस्यों ने इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इसके मद्देनज़र, राज्य में मॉल और सिनेमाघरों के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया।
कंगना ने कहा, “यह कला और कलाकारों का पूरी तरह से उत्पीड़न है। पंजाब के कई शहरों से खबरें आ रही हैं कि कुछ लोग ‘इमरजेंसी’ को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं।”
हिमाचल प्रदेश के मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना (38) ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “मैं सभी धर्मों का अत्यधिक सम्मान करती हूं। मैंने चंडीगढ़ में पढ़ाई की है और वहीं पली-बढ़ी हूं। मैंने सिख धर्म को करीब से देखा और उसका पालन किया है। मेरी छवि बिगाड़ने और ‘इमरजेंसी’ को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ और दुष्प्रचार किया जा रहा है।”
कंगना कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। खैरा ने ‘इमरजेंसी’ पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हुए कहा कि कंगना “बिना किसानों और सिखों के देश के प्रति योगदान को जाने, उनकी आलोचक रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “एसजीपीसी हमारी निर्वाचित प्रतिनिधि संस्था है और भगवंत मान को सिखों को गलत तरीके से चित्रित करने वाली तथा पंजाब और उसके लोगों को बदनाम करने वाली फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।”
राजनीतिक(punjab kangana:) पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में कंगना ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। यह फिल्म 1975 से 1977 के दौरान देश में लगे आपातकाल पर केंद्रित है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से प्रमाणपत्र मिलने में देरी, सिख समुदाय को गलत तरीके से चित्रित करने के आरोप और विवादों के चलते इस फिल्म की रिलीज़ कई बार टाली गई।
पिछले साल अगस्त में, एसजीपीसी ने फिल्म के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि फिल्म में सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, फिल्म से “सिख विरोधी” भावनाएं दर्शाने वाले आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की मांग की गई थी।
अब यह फिल्म शुक्रवार को देशभर में प्रदर्शित कर दी गई है, लेकिन पंजाब में इसे लेकर विवाद जारी है।