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R.G.KAR Hospital: CBI ने संदीप घोष से 13वें दिन भी की पूछताछ

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बृहस्पतिवार को राज्य संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(R.G.KAR Hospital: ) के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी, जो एक मेडिकल छात्रा के कथित बलात्कार और हत्या की जांच के सिलसिले में है। एक अधिकारी ने बताया कि घोष लगातार 13वें दिन केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश हुए।

R.G.KAR Hospital: 130 घंटे से अधिक समय तक हो चुकी है पूछताछ

केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि घोष पूछताछ के लिए हमारे अधिकारियों के सामने पेश हुए। जानकारी के अनुसार, राज्य संचालित अस्पताल के पूर्व प्राचार्य, जहां 9 अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर का शव बरामद हुआ था, पहले ही CBI द्वारा 130 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ किए जा चुके हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद, CBI ने राज्य संचालित अस्पताल की स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या की जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।

घोष के घर तलाशी अभियान भी चलाया गया था

घोष और रॉय दोनों ही उन लोगों में शामिल थे, जिनका जांच प्रक्रिया के हिस्से के रूप में पॉलीग्राफ परीक्षण किया गया था। CBI ने अपने जांच के सिलसिले में दायर प्राथमिकी में घोष का नाम लिया है, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। केंद्रीय एजेंसी ने 25 अगस्त को कोलकाता के बेलियाघाटा स्थित घोष के निवास पर एक दिन का तलाशी अभियान भी चलाया था।

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज हुआ

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उसके पूर्व प्राचार्य और कुछ अन्य लोगों के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। मेडिकल छात्रा की मौत के खिलाफ राज्य और देशभर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्रों और डॉक्टरों के संगठनों ने इन प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है, जो न्याय की मांग कर रहे हैं और इस घटना की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। इस मामले ने न केवल मेडिकल समुदाय में बल्कि आम जनता में भी गुस्सा और निराशा पैदा की है। सरकार और संबंधित एजेंसियों पर इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच का दबाव है, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

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