हरियाणा में पराली जलाने (Stubble Burning) वाले किसानों के खिलाफ 19 अक्टूबर से रेड एंट्री की कार्रवाई शुरू होने के बाद से इस मुद्दे में तेजी से कमी आई है। पिछले पांच दिनों में राज्य में पराली जलाने के कुल 54 नए मामले सामने आए हैं। जिन क्षेत्रों में यह समस्या अधिक थी, जैसे कैथल, कुरुक्षेत्र और करनाल, वहां पराली जलाने (Stubble Burning) के मामलों में कमी देखी जा रही है।
पांच दिन में 54 नए मामले
नीचे दिए गए आंकड़ों के अनुसार, हर दिन नए मामले दर्ज किए गए हैं:
तिथि | नए मामले |
---|---|
19 अक्टूबर | 15 |
20 अक्टूबर | 11 |
21 अक्टूबर | 2 |
22 अक्टूबर | 11 |
23 अक्टूबर | 15 |
बुधवार को पराली जलाने (Stubble Burning) के मामलों में 11 किसानों की मेरी फसल मेरा बीमा पोर्टल के माध्यम से रेड एंट्री की गई। इसके अलावा, 34 नई एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। अब तक राज्य में कुल 385 किसानों की रेड एंट्री और 127 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इसके साथ ही, 332 चालान कर किसानों से 8,40,000 रुपये का जुर्माना वसूला गया है। अब तक हरियाणा में पराली जलाने के कुल 680 मामले सामने आ चुके हैं।
प्रदूषण की स्थिति
हालांकि, हरियाणा में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बुधवार को देश के 36 प्रदूषित शहरों में से 10 जिले हरियाणा के हैं। इनमें भिवानी और करनाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) रेड जोन में पहुंच गया है। मंगलवार की तुलना में जींद और सोनीपत में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। पहले दोनों जिलों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में था, लेकिन अब सोनीपत का एक्यूआई 272 और जींद का 193 हो गया है।
नौ जिलों में प्रदूषण स्तर यलो जोन में
नौ जिलों में एक्यूआई स्तर 100 से 200 के बीच यलो जोन में है, जिनकी स्थिति निम्नलिखित है:
- भिवानी: 290
- करनाल: 284
- चरखी दादरी: 259
- गुरुग्राम: 247
- फरीदाबाद: 238
- रोहतक: 228
- कुरुक्षेत्र: 221
- हिसार: 220
- यमुनानगर: 196
- नारनौल: 195
- जींद: 193
- पानीपत: 185
- पंचकूला: 184
- कैथल: 183
- पलवल: 136
- अंबाला: 111
- सिरसा: 111
सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों के बावजूद हरियाणा की हवा की गुणवत्ता में सुधार होता नहीं दिख रहा है।
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