आगामी तीन महीने में राज्य की सभी अनियमित कालोनियां नियमित की जाएंगी। यह कहना है हरियाणा के मुखिया मनोहर लाल का। गुरुवार को दस जिलों की 190 कालोनियों को नियमित करते हुए सीएम मनोहर लाल ने इसकी घोषणा की थी। वैसे मुख्यमंत्री का यह कदम जनहित में है। लेकिन सरकार को इस बात की भरपूर कोशिश करनी चाहिए कि अब भविष्य में कोई भी कालोनी अवैध रूप से बनने न पाए। होता यह है कि बिल्डर्स ग्राहकों से कालोनी के नियमानुसार होने का दावा करते हैं।
सभी तरह की फर्जी एनओसी दिखाकर ग्राहकों को लुभाया जाता है। जब लोग कालोनियों में घर खरीद लेते हैं, तो पता चलता है कि उन्हें बिजली, पानी और सीवरेज सुविधा नहीं मिल पाएगी क्योंकि सरकार से इन सब मामलों में एनओसी नहीं ली गई है। अब ग्राहकों के पास कोई चारा नहीं बचता है। वे अपने को ठगा हुआ महसूस करते हैं। बिल्डर्स को यह विश्वास होता है कि आज नहीं तो कल प्रदेश सरकार इन अवैध कालोनियों को नियमित कर देगी।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को घोषणा की है कि तीन महीने में नियमित होने वाली कालोनियों में वे आठ सौ कालोनियां भी शामिल हैं जो नियमित तो पहले हो चुकी हैं, लेकिन उनमें थोड़े बहुत काम बाकी हैं। इन तीन महीनों में इन कालोनियों मेंं भी बाकी काम पूरे किए जाएंगे। प्रदेश सरकार ऐसी अनियमित कालोनियों को भी नियमित करने को लेकर गंभीर हैं और पंचायतों के दायरे में आती हैं।
ग्रामीण इन कालोनियों को नगर निगमों के दायरे में जाने नहीं देना चाहते हैं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि नगर निगमों के दायरे में जाने पर बहुत सारे नियम कायदे कानून लागू हो जाते हैं जिसकी वजह से लोगों को सुविधाएं मिलने में असुविधा होती है। अवैध कालोनियों को नियमित करने के पीछे मुख्यमंत्री का उद्देश्य यह होता है कि प्रदेश के लाखों लोगों को अवैध कालोनियों में रहते हुए परेशानी का सामना न करना पड़े।
जिन कालोनियों में सीवरेज, पानी या बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं, उन कालोनियों में रहने वालों को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। बार-बार अवैध कालोनियों को वैध या नियमित करने के पीछे उनकी यही मंशा है। उनकी मंशा को इस बात से समझी जा सकती है कि गुरुवारो नियमित की गई कालोनियों के लिए प्रदेश सरकार 1400 करोड़ रुपये आवंटित करेगी, ताकि वह सुख-सुविधाओं की व्यवस्था की जा सके।
इस साल मुख्यमंत्री मनोहर लाल 594 कालोनियों का सफलतापूर्वक नियमितीकरण कर चुके हैं। पिछले नौ सालों में 1673 कालोनियों को नियमित किया जा चुका है। इससे पहले की सरकारों में इतनी बड़ी संख्या में कालोनियों को नियमित नहीं किया गया था। हालांकि यह भी कही है कि विधायकों ने कई बार इन कालोनियों को नियमित करने का मुद्दा विधानसभा और बाहर उठाया है।
– संजय मग्गू