हरियाणा की सैनी सरकार ने एक बहुत ही सराहनीय फैसला लिया है। वह फैसला यह है कि अब प्रदेश में कहीं भी सड़क हादसा हो, सड़क हादसे में घायल व्यक्ति के इलाज का खर्च सैनी सरकार वहन करेगी। सड़क हादसा वैसे भी हमेशा दुखदायी होते हैं। यदि किसी सड़क दुर्घटना में सौभाग्य से किसी की मौत नहीं हुई, तो घायल जरूर लोग होते हैं। यदि कोई घायल भी नहीं हुआ, तो गाड़ी को जरूर नुकसान पहुंचता है। ऐसी स्थिति में हुआ नुकसान लोगों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित जरूर करता है। यदि कोई घायल हुआ तो सरकारी या निजी अस्पताल वाले तब तक इलाज शुरू नहीं करते हैं, जब तक यह आश्वासन न मिल जाए कि उन्हें इलाज का खर्च जरूर मिल जाएगा। कहने का मतलब यह है कि जब तक घायल के घरवाले अस्पताल नहीं पहुंच जाते हैं, तब तक इलाज शुरू नहीं होता है।
कई बार ऐसी स्थिति में घायल की मौत भी हो जाती है। इन सारी स्थितियों पर काफी सोच विचार करने के बाद सैनी सरकार ने फैसला यह फैसला लिया है। हरियाणा में किसी भी वजह से होने वाले सड़क हादसों के घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। इतना ही नहीं, सड़क हादसों के घायलों को मुआवजा भी मिलेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने योजना की घोषणा करते हुए बताया कि सड़क हादसों के घायलों को हरियाणा रोड सेफ्टी फंड से इलाज का खर्च दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय एक कमेटी बनाई जाएगी।
प्रदेश सरकार केंद्र के सहयोग से सड़क हादसों के साथ-साथ घायलों और मरने वालों की संख्या में कमी लाने का प्रयास कर रही है। इन दोनों मामलों में वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य है। सरकार को इस मामले में काफी हद तक सफलता भी मिली है। हरियाणा में पिछले साल जहां सड़क हादसों में आठ प्रतिशत की कमी आई है, वहीं मौतों की संख्या में नौ प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। राज्य सरकार, सामाजिक व धार्मिक संगठनों, यातायात पुलिस लोगों को पिछले काफी दिनों से सड़क पखवाड़ा आयोजित करके जागरूक करने का प्रयास कर रही है।
इन सबके चलते सड़क हादसों में मौतों में आने वाली कमी एक अच्छा संकेत है। यदि इसी तरह प्रयास होता रहा, तो साल 20230 तक सड़क हादसों में होने वाली मौतों के आंकड़ों को आधा करने में सफलता जरूर मिल जाएगी। आंकड़े बताते हैं कि साल 2023 में 10168 सड़क हादसे हुए थे जिनमें 5092 लोगों की मौत हुई थी। साल 2022 में 11130 सड़क हादसों में 5621 लोगों की मौत हुई थी। साल 2019 में 10944 सड़क हादसों में 5067 लोग मरे थे। प्रदेश सरकार ने सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या घटाने का फैसला किया है, तो सबका सहयोग लाजिमी है।
-संजय मग्गू