केंद्रीय सड़क परिवहन एवं(road gadkari:)राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दोषपूर्ण सड़क निर्माण को गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सड़क ठेकेदारों, रियायतियों और इंजीनियरों को सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और जेल भेजा जाना चाहिए।
भारतीय (road gadkari:)उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने बताया कि भारत दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं के मामले में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को आधा करना है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 में देश में पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.72 लाख लोगों की मौत हुई। इनमें से 66.4% यानी 1.14 लाख लोग 18-45 वर्ष की आयु के थे, जबकि 10,000 बच्चे भी इन हादसों का शिकार हुए। गडकरी ने बताया कि 55,000 लोगों की जान हेलमेट न पहनने के कारण गई, जबकि 30,000 लोग सीट बेल्ट न लगाने की वजह से मारे गए।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित स्थान) को सुधारने के लिए सरकार 40,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। साथ ही, उन्होंने उद्योग जगत और अन्य संबंधित इकाइयों से अपील की कि वे देश में ड्राइवरों (वाहन चालकों) की भारी कमी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण और फिटनेस केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करें।