Sakshi Malik Announced Retirement: ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने वाली अनुभवी पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है। साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने यह फैसला तब लिया जब गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव सपन्न हुआ। कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए अध्यक्ष बने हैं। इस साल साक्षी और उनके साथियों ने बृजभूषण शरण के खिलाफ मोर्चा खोला था और दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया था। अब उनके ही करीबी के अध्यक्ष बनने पर साक्षी ने संन्यास का फैसला कर लिया।
Sakshi Malik: प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया संन्यास का ऐलान
पहलवान साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने संन्यास का ऐलान किया। साक्षी ने कहा कि हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए। अगर बृजभूषण शरण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं। हमारा समर्थन करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद। लड़ाई पूरे दिल से लड़ी। अगर अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह जैसा आदमी ही रहता है तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं।
साक्षी के संन्यास के बारे में जब बृजभूषण शरण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”उससे मेरा क्या लेना-देना।”
संजय सिंह ने अनीता को हराया
कुश्ती महासंघ के चुनाव में संजय सिंह (Sanjay Singh) ने अध्यक्ष बनने के लिए राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को हराया है। बुधवार तक सर्वसम्मति से चुनाव की कोशिशें होती रहीं, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। संजय सिंह ने दावा किया था कि उनका खेमा चुनाव में हर पद पर जीतेगा और उन्होंने खुद जीत हासिल कर इसे सच साबित किया।
कौन हैं संजय सिंह?
संजय सिंह यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष रहे हैं और बृजभूषण के बेहद करीबी माने जाते हैं। चुनाव से पहले की कई खबरों में कहा गया था कि संजय सिंह के खेमे के पास 50 वोट में से 41 का समर्थन है। असम, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और ओडिशा के अलावा लगभग सभी राज्यों के कुश्ती संघ का समर्थन उन्हें मिलने की बात कही गई थी।
बृजभूषण रहे चुनाव से दूर
बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले बजरंग पुनिया (Bajrang Punia), साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) की ओर से धरना दिए जाने के बाद पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष को चुनाव से दूर रहने के लिए कहा गया था। बृजभूषण न खुद चुनाव में खड़े हुए और न ही उनके पुत्र और दामाद चुनाव में खड़े हुए। सूत्र बताते हैं कि उन पर संजय सिंह को भी चुनाव से बाहर करने का दबाव बनाया गया, लेकिन बात नहीं बनी।