AAP के संजय सिंह(Sanjay Singh AAP: ) ने देश में कैंसर के तेजी से बढ़ते मामलों और इसके इलाज पर होने वाले भारी खर्च पर चिंता जताते हुए सोमवार को राज्यसभा में इसे अधिसूचित बीमारी के रूप में वर्गीकृत करने की मांग उठाई। उच्च सदन में शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए उन्होंने सरकार से एक ऐसा कानून बनाने की मांग की कि जिससे निजी अस्पतालों में 25 प्रतिशत कैंसर मरीजों का इलाज मुफ्त हो सके। उन्होंने कैंसर से पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था किए जाने की भी सरकार से मांग की।
Sanjay Singh AAP: शारीरिक और आर्थिक रूप से तोड़ती है बीमारी
सिंह ने कहा कि कैंसर की बीमारी एक इतनी बड़ी और गंभीर बीमारी है कि आदमी इससे दो तरीके से टूटता है। जिस व्यक्ति को कैंसर होता है, वह शारीरिक रूप से टूटता है और उसका परिवार आर्थिक रूप से टूटता है। उन्होंने कहा कि इसके आंकड़े बहुत ही चौंकाने वाले हैं और जितनी तेजी के साथ हिंदुस्तान में कैंसर की बीमारी बढ़ रही है, उस पर पूरे सदन को चिंता करने और कदम उठाने की आवश्यकता है।
तीन साल में 22 लाख लोगों की मौत हुई
WHO की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए वरिष्ठ आप सदस्य ने कहा कि भारत में पिछले तीन सालों में कैंसर से 22 लाख लोगों की मौत हुई है जबकि साल 2022 में नौ लाख लोग इसके शिकार हुए हैं। उन्होंने भूटान, मालदीव, लक्जमबर्ग सहित कुछ देशों की आबादी का उल्लेख किया और कहा कि देश में कैंसर से इससे अधिक लोगों की जान चली जा रही है।
अधिसूचित बीमारी के रूप में वर्गीकृत करने की मांग
कैंसर के बारे में संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि इसकी सिफारिशें सरकार के सामने विचाराधीन हैं। उन्होंने इन सिफारिशों को तत्काल लागू किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश में हैजा और मलेरिया जैसी तमाम बीमारियां सरकार द्वारा अधिसूचित की गई हैं लेकिन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी अधिसूचित नहीं की गई है। यह भी एक चिंता का विषय है। इस बीमारी को तत्काल अधिसूचित किया जाए।’’
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