प्रदेश की सैनी सरकार ने अक्टूबर में प्रस्तावित विधान सभा चुनावों के मद्देनजर सरकारी खजाने का मुंह खोल दिया है। हर वर्ग और समुदाय को कुछ न कुछ लाभ पहुंचाने की कोशिश करनी शुरू कर दी है। नाराज सरपंचों को मनाने के लिए जहां खर्च की सीमा बढ़ाई गई, उन्हें कई तरह के लाभ प्रदान किए गए, वहीं महिलाओं, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को भी लाभ पहुंचाने की घोषणाएं की गई हैं। स्कूली बच्चों को बसों में आने-जाने के लिए फ्री पास दिए जा रहे हैं, तो महिलाओं और बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन राशि में इजाफा किया गया है। अब छोटे व्यापारियों को सरकारी दुकानों का मालिकाना हक दिया जा रहा है। सीएम सैनी ने पिछले दिनों प्रदेश के पांच हजार ऐसे दुकानदारों को मालिकाना हक प्रदान किया जो पिछले बीस साल से अधिक समय तक सरकारी दुकानों पर किराया या पट्टे के आधार पर काबिज थे। प्रदेश में हजारों लोग ऐसे हैं जो सरकारी संपत्ति को पट्टे या किराये पर लेकर अपनी दुकान चला रहे थे।
ये दुकानदार बीस साल से अधिक समय से सरकार को किराया या पट्टे पर तय की गई रकम समय पर देते आ रहे थे। कहने को तो यह ऐसी सरकारी संपत्ति पर बीसियों साल से काबिज थे, लेकिन इनके पास मालिकाना हक नहीं था। जनवरी 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि ऐसे दुकानदार जो सरकारी संपत्ति यानी दुकानों पर बीस साल से अधिक काबिज हैं और सरकार को किराया देते आ रहे हैं, ऐसे लोग अपने वैध कागजात के साथ औपचारिकताएं पूरी करके मालिकाना हक ले सकते हैं। वैसे यह सच है कि कोई भी दुकानदार हो, उसकी दुकान छोटी हो या बड़ी, यही चाहता है कि उसकी भी अपनी एक दुकान हो
जिसको वह अपनी मर्जी के अनुसार सजा-संवारकर अपनी दुकानदारी चला सके। अपनी संपत्ति हो, तो वह दुकान का स्ट्रक्चर बदल सकता है, अपनी जरूरत के मुताबिक उसे नया बनवा सकता है, लेकिन सरकारी या दूसरे से किराए पर ली गई दुकान में वह को पुनर्निमाण नहीं कर सकता है। सैनी सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी स्वामित्व योजना के तहत दुकानों का मालिकाना हक जब कब्जादारों को देना शुरू कर दिया है, तो जल्दी ही अन्य लोग भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
इस योजना से सरकार को जहां इस संपत्ति की देखरेख से छुटकारा मिलेगा, वहीं जो दुकानों के मालिक बनेंगे, वह विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा को वोट देंगे, ऐसी उम्मीद है। वैसे भी भाजपा ने पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं, समर्थकों और आम जनता के साथ संवाद करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री से लेकर सभी मंत्री, भाजपा संगठन के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारी जनता के बीच जाकर सरकारी योजनाओं के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं।
-संजय मग्गू