भारत में(smartphone kids:) स्मार्टफोन पर बढ़ती निर्भरता और उनके अत्यधिक उपयोग का माता-पिता और बच्चों के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह दावा चीन की मोबाइल निर्माता कंपनी ‘वीवो’ द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में किया गया है, जिसके परिणाम बुधवार को सामने आए। ‘साइबरमीडिया रिसर्च’ द्वारा किए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार, माता-पिता औसतन पांच घंटे से अधिक और बच्चे चार घंटे से ज्यादा समय अपने स्मार्टफोन पर बिताते हैं। दोनों समूह स्मार्टफोन का इस्तेमाल मुख्य रूप से सोशल मीडिया और मनोरंजन के लिए करते हैं।यह अध्ययन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद और पुणे के 1,543 स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं पर आधारित है।
‘वीवो(smartphone kids:) स्विच ऑफ 2024’ सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग के कारण व्यक्तिगत संबंधों में तनाव बढ़ा है, और माता-पिता और बच्चे दोनों इसे अपने बीच संघर्ष का एक मुख्य कारण मानते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 66 प्रतिशत माता-पिता और 56 प्रतिशत बच्चे अत्यधिक स्मार्टफोन उपयोग के कारण अपने रिश्तों में नकारात्मक बदलाव महसूस करते हैं।
सर्वेक्षण के परिणामों के मुताबिक, माता-पिता और बच्चे दोनों ही एक-दूसरे के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं, लेकिन कोई भी समूह अपनी अत्यधिक और उद्देश्यहीन स्मार्टफोन आदतों को बदलने के लिए तैयार नहीं है। सर्वेक्षण में शामिल 73 प्रतिशत माता-पिता और 69 प्रतिशत बच्चे इस बात से सहमत हैं कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग उनके बीच विवाद का कारण बन रहा है।
अध्ययन (smartphone kids:)में यह भी सामने आया कि माता-पिता और बच्चे स्मार्टफोन पर अधिक निर्भर हो गए हैं, क्योंकि यह उनके जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है। सर्वेक्षण में शामिल 76 प्रतिशत माता-पिता और 71 प्रतिशत बच्चे मानते हैं कि वे अपने स्मार्टफोन के बिना नहीं रह सकते। इसके अलावा, 64 प्रतिशत बच्चों ने यह स्वीकार किया कि वे स्मार्टफोन के आदी हो चुके हैं और अधिकतर समय सोशल मीडिया और मनोरंजन में बिताते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दो तिहाई बच्चों का कहना है कि वे सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल केवल इसलिए करते हैं क्योंकि उनके मित्र भी वहीं होते हैं। 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे चाहते हैं कि सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप का आविष्कार न हुआ होता।