दिल्ली की हवा की गुणवत्ता लगातार अपने निचले स्तर पर जाती जा रही है। पिछले कुछ समय से मुख्य रूप से तापमान और हवा की गति में गिरावट महसूस की जा रही है जिसके कारण प्रदुषण में भी इजाफा हुआ है।
राजधानी दिल्ली किसी क्षेत्र में प्रगति करे या नहीं लेकिन प्रदुषण के मामले में लगातार तरक्की कर रही है। दिल्ली में लगातार चौथे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब श्रेणी में बना हुआ है और माना जा रहा है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो आगे भी हवा में कोई सुधार नहीं होने वाला है। वर्तमान स्थिति यानी अगर आज (27 अक्टूबर) की बात करें तो दिल्ली का औसत AQI 249 दर्ज किया गया है जोकि खराब कैटेगरी में आता है।
दिल्ली के लिए केंद्र की Air Quality Early Warning System के मुताबिक, अगले तीन से चार दिनों में ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणियों के बीच आ सकती है। जिससे बचने की जरूरत है।
क्यों बढ़ने लगता है प्रदुषण
ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन चालू रखने से प्रदूषण का स्तर 9 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकता है। सड़क पर वाहनों के धुएं की वजह से प्रदुषण का स्तर बढ़ने लगता है। प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियां और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों के अलावा, पटाखों और धान की पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन का मिश्रण, हर साल दिवाली के आसपास दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को खतरनाक स्तर पर पहुंचा देता है।
बढ़ेगी पाबंदी
Graded Response Action Plan (जीआरएपी) के नाम से जानी जाने वाली प्रदूषण नियंत्रण योजना इसे सक्रिय रूप से लागू करने के लिए जिम्मेदार है। यह वायु गुणवत्ता के स्तर का ध्यान रखता है। अब एनसीआर में प्रदुषण कम करने की चीजों को सख्ती से लागु किया जाएगा। हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा इसके अलावा GRAP को चार कैटेगरी में लागू जा सकता है। इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे भी बढ़ाएं जा सकते है।