कोलकाता (Kolkata) की हुगली नदी (Hooghly River) के तल से 32 मीटर नीचे मेट्रो टनल (Metro tunnel) का निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने आज हरी झंडी दिखा कर किया। देश की इस बड़ी सफलता पर पीएम मोदी (PM Modi) ने मेट्रो में स्कूली बच्चों के साथ सफर किया और बातचीत की। बता दें कि ये अंडरवॉटर मेट्रो (Underwater metro) कोलकाता से हावड़ा के बीच चलेगी।
आज का भारत यकीनन विकास की ऊचाईयां छू रहा है। देश में पहली बार कोलकाता (Kolkata) में अंडरवॉटर मेट्रो (Underwater metro) का निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने किया। ये अंडर वॉटर मेट्रो टनल हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच में चलेगी। वहीं ये अंडरग्राउंड मेट्रो (Underwater metro) 45 सेकेंड में हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे 520 मीटर की दूरी तय करेगी। ये शानदार मेट्रो सुरंग इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है। साथ ही इस मेट्रो की खास बात यह है कि ये हुगली नदी (Hooghly River) के पानी के अंदर बनी टनल में चलेगी। जिसकी लम्बाई 16.6 किमी लंबी है।
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सफर होगा बेहद आसान
ये अंडर वॉटर मेट्रो टनल (Underwater metro tunnel) नदी के तल से 32 मीटर नीचे बनाई गई है जोकि हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड सेक्शन के बीच में दौड़ेगी। इसमें 6 स्टेशन बनाएं गए है, जिनमें से 3 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। जिनमे हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लेनेड हावड़ा स्टेशन शामिल हैं, कोलकाता मेट्रो हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड (Howrah Maidan-Esplanade) टनल भारत में बनाएं जाने वाला पहला ट्रांसपोर्ट टनल जिसका निर्माण किसी नदी के नीचे किया गया है। स्पीड की बात करें तो इसमें यात्रियों का सफर और भी आसान होने वाला है। ये मेट्रो 45 सेकेंड में हुगली नदी (Hooghly River) के नीचे 520 मीटर की दूरी तय करेगी।
2010 से इस प्रोजेक्ट पर चल रहा था काम
यह अंडरवॉटर मेट्रो (Underwater Metro) सेवा कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर प्रोजेक्ट (East-West Corridor Project) का हिस्सा है जिस पर काफी लम्बे समय से काम करने की योजना बनाई जा रही थी। इस बारें में कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर सैयद मो. जमील हसन ने बताया कि 2010 में टनल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट एफकॉन्स कंपनी को दिया गया था। इसके लिए एफकॉन्स ने अंडर वॉटर मेट्रो (Underwater metro) प्रोजेक्ट के लिए जर्मन कंपनी हेरेनकनेक्ट सेल बोरिंग मशीन (TBS) मंगाईं थी। इन मशीनों के नाम भी अनोखे है जो एफकॉन्स के एक कर्मचारी की बेटियों के नाम पर प्रेरणा और रचना रखा गया हैं।
टनल के लिए सही जगह ढूढ़ने में लगा समय
इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए काफी समय और विचार की खपत की गई है दरअसल, कोलकाता में हर 50 मीटर की दूरी पर अलग-अलग तरह की मिट्टी पाई जाती है जिसकी वजह से खुदाई के लिए सही मिट्टी का चुनाव करना बड़ी चुनौती थी। टनल की मिट्टी की जांच के लिए 5 से 6 महीने सर्वे किया गया ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि हुगली नदी (Hooghly River) के तल से 13 मीटर नीचे की मिट्टी पर टनल बनाई जा सकती है या नहीं।
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