जब आप किसी व्यक्ति की मदद कर रहे होते हैं, तो आपको खुशी का अनुभव होता है। यह खुशी ही आपको स्वस्थ रखती है। इसी खुशी की बदौलत आपका दिमाग स्वस्थ रहता है, तो तन भी स्वस्थ महसूस करता है। यदि कोई व्यक्ति दयालु है, तो इसका यही मतलब है कि वह अपने समाज, देश और परिवेश के लिए फिक्रमंद है। फिक्रमंद होना उसके अच्छे स्वभाव की निशानी है। सदियों से दुनिया का कोई भी समाज रहा हो, सभी में दयालु व्यक्तियों की प्रतिष्ठा अमीरों और सत्ताधीशों से ज्यादा रही है।
सेंटाक्लाज की छवि एक दयालु संत की रही है, उनसे जुड़ी कहानियां आज भी दोहराई जाती हैं। हमारे भी देश में ऐसे कई लोग हुए हैं जिन्होंने दूसरों की खुशी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है। जब आप किसी के प्रति दया दिखाते हैं, उसकी आगे बढ़कर मदद करते हैं, तो आपके दिमाग में हार्मोन का स्तर घटता-बढ़ता है। हार्मोन के इसी स्तर के घटने-बढ़ने से ही आपको खुशी महसूस होती है। वैज्ञानिक और चिकित्सकों का मानना है कि इस दौरान आपके शरीर में आॅक्सीटोसिन नाइट्रिक आक्साइड का स्राव होता है जो आपको खुशी का एहसास कराता है।
यही आक्सीटोसिन नाइट्रिक आक्साइड आपके दिल और दिमाग को तरोताजा रखता है। इससे न केवल रक्त वाहिनियां चौड़ी होती है, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर भी कम होता है। आॅक्सीटोसिन नाइट्रिक आक्साइड इंसान के दिमाग के किसी कोने में पनप रहे भय या चिंता को कम कर देता है। आपने देखा होगा कि कुछ लोग जानवरों, पक्षियों के प्रति कुछ ज्यादा ही प्रेम दर्शाते हैं, उनकी देखभाल करते हैं।
ऐसे लोग अपेक्षाकृत ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। ऐसे लोगों को देखकर मन में उनके प्रति एक सम्मान का भाव पैदा हो जाता है। दूसरों की मदद करने वालों, लोगों के प्रति प्रेमभाव प्रदर्शित करने वालों की प्रतिष्ठा समाज में बढ़ जाती है। लोगों के प्रति फिक्रमंद होने वाला व्यक्ति अक्सर उदार पाया जाता है। दयालु व्यक्ति अपने आसपास के परिवेश के प्रति जागरूक रहने की कोशिश करता है। वह यह समझने का प्रयास करता है कि लोग किस दशा में रह रहे हैं।
मनोवैज्ञानिकों का दावा है कि दयावान व्यक्ति के शरीर में सेरोटोनिन नामक रसायन का स्राव होता है। यह रसायन व्यक्ति को खुशनुमा बनाती है। खुश रहने के लिए किसी व्यक्ति का दयालु होना कोई जरूरी नहीं है। कोई व्यक्ति प्राकृतिक दृश्यों को देखकर खुश होता है। कोई खेलने या खेल देखने से खुश होता है। किसी को पेंटिंग करने में खुशी मिलती है, तो कोई अपने पालतू पशुओं के साथ समय बिताने में खुशी महसूस करता है। किसी व्यक्ति को अपनी दौलत या परिवार में बढ़ोतरी देखकर असीम आनंद की अनुभूति होती है। व्यक्ति के खुशी महसूस करने के कई तरीके हैं, लेकिन जो खुशी किसी की मदद करने से मिलती है, किसी के प्रति दयालुता दिखाने से मिलती है, उसका कोई मुकाबला नहीं है।
-संजय मग्गू