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Tirupati Laddu SIT : तिरुपति मंदिर लड्डू मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित

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आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति(Tirupati Laddu SIT : ) में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू में कथित रूप से पशु चर्बी मिलाए जाने के मामले की जांच के लिए नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में आरोप लगाया था कि राज्य में युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की पूर्ववर्ती सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डुओं को बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया।

Tirupati Laddu SIT : मुख्य  सचिव ने कहा, एसआईटी का गठन जरूरी था

नायडू के इन आरोपों के कारण देश भर में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया और करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं। इस विवाद के बीच, राज्य सरकार ने मामले की व्यापक और विस्तृत जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने बृहस्पतिवार देर रात जारी आदेश में कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पवित्रता की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत, पूरे मामले की विस्तृत और व्यापक जांच करने के लिए एक एसआईटी गठित करना आवश्यक समझा है।’’

Tirupati Laddu SIT : सीएम ने 22 सितंबर को जांच की घोषणा की थी

टीटीडी तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है। मुख्यमंत्री नायडू ने 22 सितंबर को घोषणा की थी कि लड्डू में मिलावट किए जाने के आरोपों की जांच एसआईटी करेगी। एसआईटी का नेतृत्व गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और अन्य पुलिस अधिकारी कर रहे हैं। हालांकि, वाईएसआरसीपी नेताओं ने इस जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी एजेंसी से आरोपों की जांच कराना पर्याप्त नहीं है जो सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करती है। उन्होंने इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। वाईएसआरसीपी नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री के अधीन काम करने वाली एजेंसी की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।

पी सुधाकर रेड्डी ने भी निष्पक्ष जांच पर दिया था जोर

पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता पी सुधाकर रेड्डी ने भी कहा था कि लड्डू संबंधी आरोपों की जांच नायडू के अधीन काम करने वाली एजेंसी को नहीं करनी चाहिए। उन्होंने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। एसआईटी का गठन सरकार की ओर से तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की पवित्रता की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार इस विवाद को लेकर गंभीर है और निष्पक्ष जांच के माध्यम से सच्चाई सामने लाना चाहती है। इस मामले की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि लड्डुओं में मिलावट के आरोप सही हैं या नहीं, और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

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