अमेरिका के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को किसी मामले में दोषी करार दिया गया है। वैसे जिस मामले में पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी से आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को दोषी करार दिया गया है, वह बहुत ही शर्मनाक है। डोनाल्ड ट्रंप ने पोर्न स्टार स्ट्रार्मी डेनियल्स को 1.10 करोड़ रुपये इसलिए दिए थे ताकि वह डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने रिश्ते को छिपाए रखे। अमेरिकन कानून की भाषा में दी गई रकम को हश मनी कहा जाता है। इसके बावजूद ट्रंप अमेरिक के राष्ट्रपति पद के लिए नवंबर में होने वाले चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार बने रहेंगे।
यदि जुलाई में पूर्व राष्ट्रपति को स्टेट कोर्ट सजा भी सुना देती है, तो भी वे जेल से चुनाव लड़ सकते हैं। अमेरिका में कोई अपराधी जेल से चुनाव लड़ सकता है या नहीं, इस बारे में कुछ भी साफ नहीं है। दरअसल, जब 4 जुलाई 1776 को ब्रिटिश हुकूमत से अमेरिका आजाद हुआ था, तब उस दौर के लगभग हर नेता पर ब्रिटिश हुकूमत ने किसी न किसी अपराध में शामिल होने का आरोप लगा रखा था। उस दौर के कई नेता तो कई साल ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह करने के आरोप में सजा काट चुके थे। अमेरिका क्रांति से पैदा हुआ था और इसकी संभावना थी कि कोई भी व्यक्ति जो राजशाही के खिलाफ गतिविधियों के चलते जेल में बंद हो उसे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया जा सकता था।
यह भी पढ़ें : शिलापट्ट पर नहीं लिखवाना चाहता नाम
यही वजह है कि जब 1787 को अमेरिकन संविधान का निर्माण किया जाने लगा तो अमेरिकन कानून में किसी सजायाफ्ता व्यक्ति के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया। यहीव जह है यदि जुलाई में हश मनी मामले में डोनाल्ड ट्रंप को सजा हो जाती है, तो वे जोल से चुनाव लड़ सकते हैं। ट्रंप इस मामले को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में है। वह अपने को विक्टिम बताने की कोशिश कर रहे हैं। यह साबित हो जाने के बाद भी कि पोर्न स्टार स्ट्रॉर्मी डेनियल्स को ट्रंप ने संबंधों को छिपाए रखने के लिए 1.10 करोड़ रुपये दिए थे, उनकी उम्मीदवारी पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।
उल्टे ट्रंप और उनकी पार्टी रिपब्लिकन आरोप लगा रहे हैं कि यह विशुद्ध राजनीतिक कार्यवाही थी, न कि कानूनी। दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद जब ट्रंप ने कोर्टरूम छोड़ा तो उन्होंने कहा, यह अपमानजनक है, यह मुकदमा एक धांधली है, जिसका फैसला उन जजों ने दिया है जो भ्रष्ट हैं। उन्होंने हमें सुनवाई की जगह बदलने की इजाजत नहीं दी। असली फैसला पांच नवंबर को जनता करेगी। दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की छवि दक्षिणपंथी विचारधारा वाली रही है।
पिछली बार जब वह चुनाव में पराजित हुए थे, तो उन्होंने अपने समर्थकों से हिंसक कार्रवाई का आह्वान किया था। उन पर ह्वाइट हाउस से महत्वपूर्ण फाइलों को ले जाने का आरोप भी लगा था जिसका मुकदमा चल रहा है। यौन संबंधों को लेकर दोषी करार दिए गए ट्रंप की छवि को थोड़ा सा धक्का तो लगा है, लेकिन अमेरिकी समाज में ऐसी बातों को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाता है। पोर्न स्टार को हश मनी देने का मामला चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है। इस मामले में उन पर जेल भेजने की जगह जुर्माना लगाया जा सकता है।
-संजय मग्गू
लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/