Sunday, February 23, 2025
12.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeLATESTUPPSC News: यूपी में न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल बच्चों की खुल...

UPPSC News: यूपी में न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल बच्चों की खुल सकती है किस्मत

Google News
Google News

- Advertisement -

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्वीकार किया है कि यूपी न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की मुख्य परीक्षा 2022 के दौरान अभ्यर्थियों को ‘मास्टर फेक कोड’ (रोल नंबर) के आवंटन में गलती हुई है। आयोग ने कहा कि अब परीक्षा (UPPSC News) के नतीजे सही किए जाएंगे। इसका परिणाम होगा कि कुछ चयनित अभ्यर्थी बाहर होंगे। वहीं कुछ अन्य को साक्षात्कार का मौका मिलेगा।  

UPPSC News: कोर्ट में आयोग ने क्या कहा

आयोग के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि नतीजे (UPPSC News) सही किए जाने के परिणामस्वरूप जिन उम्मीदवारों को गलती से बाहर किया गया उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। नई मेधा सूची तैयार की जाएगी। न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने इस पर कहा कि आयोग के कथन के अनुसार, मौजूदा याचिकाकर्ता सहित 50 अभ्यर्थियों के संबंध में लिखित परीक्षा की मेधा सूची तैयार करने में त्रुटि हुई है। अंग्रेजी के प्रश्नपत्र के लिए उत्तर पुस्तिकाओं के दो बंडल पर चस्पाए गए ‘मास्टर फेक कोड’ आपस में बदल गए। इस तरह से 25 अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा के अंक अन्य 25 अभ्यर्थियों के अंकों से बदल गए।

सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट

सोमवार को सुनवाई के दौरान, सीलबंद लिफाफे में एक जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपी गई। यह इस परीक्षा (UPPSC News) के आयोजन और परीक्षा के परिणाम तैयार करने में विसंगतियों के संबंध में थी। पीठ ने इस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को पांच दिनों के भीतर व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा दाखिल कर अंक बदलने के संबंध में अदालत को अवगत कराने और साक्षात्कार के लिए बुलाए गए अपात्र अभ्यर्थियों का पूरा विवरण उपलब्ध कराने को कहा।

अदालत ने यह भी खुलासा करने को कहा कि क्या किसी अन्य या सभी उत्तर पुस्तिकाओं में कोई त्रुटि पाई गई है या नहीं। अदालत ने श्रवण पांडेय नाम के एक अभ्यर्थी द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता का दावा है कि अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में उसके हाथ की लिखावट नहीं है और अंग्रेजी विषय में अंक देने में गड़बड़ी की गई है जिसकी वजह से वह साक्षात्कार के लिए कट ऑफ अंक प्राप्त नहीं कर सका। आयोग ने इससे पूर्व अदालत को बताया था कि अभ्यर्थियों की पहचान छिपाने के लिए अभ्यर्थियों को फर्जी रोल नंबर आवंटित किए गए और इस दौरान कुछ त्रुटि हुई होगी जिससे याचिकाकर्ता की उत्तर पुस्तिका किसी अन्य अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका से बदल गई होगी।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Recent Comments