विजया रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग की नई अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इससे पहले, वह 2016 से 2021 तक महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं। सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रिय भूमिका और अनुभव को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके साथ, अर्चना मजूमदार को राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना, उनके खिलाफ होने वाले भेदभाव और हिंसा को समाप्त करना, और उन्हें हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करना है।
विजया रहाटकर की यह नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और राजस्थान की सात सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। विजया रहाटकर महाराष्ट्र के संभाजीनगर से आती हैं और राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा, वह राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सह-प्रभारी रह चुकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा ने इस नियुक्ति के जरिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है। इससे मतदाताओं के बीच यह संदेश जाएगा कि भाजपा महिलाओं को उचित सम्मान देती है और नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपने में सक्षम है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विजया रहाटकर को इस पद पर तीन साल या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) के लिए नियुक्त किया गया है। वह आयोग की नौवीं अध्यक्ष होंगी। रहाटकर भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रही हैं, और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने ‘सक्षमा’ (तेजाबी हमलों के पीड़ितों की सहायता के लिए), ‘प्रज्ज्वला’ (स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए), और ‘सुहिता’ (महिलाओं के लिए 24×7 हेल्पलाइन सेवा) जैसी पहल शुरू कीं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कानूनी सुधारों पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिनमें पॉक्सो अधिनियम, तीन तलाक विरोधी प्रकोष्ठ और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों पर काम शामिल है। विजया रहाटकर ने डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए और महिलाओं के मुद्दों को उजागर करने के लिए ‘साद’ नामक एक प्रकाशन भी आरंभ किया। उनके योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें राष्ट्रीय कानून पुरस्कार और सावित्रीबाई फुले पुरस्कार शामिल हैं।
इस नई भूमिका में, विजया रहाटकर का अनुभव और नेतृत्व महिला सशक्तिकरण की दिशा में और महत्वपूर्ण कदम उठाने में सहायक होगा।